केंद्र सरकार के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) वाली ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए संशोधित नियमों के क्रियान्वयन की 1 फरवरी की समयसीमा को बढ़ाने से इनकार कर दिया है. इससे परेशान अमेजन (Amazon) ने अपनी भारतीय वेबसाइट से कई उत्‍पाद डीलिस्‍ट कर दिए हैं. एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि अमेजन ने इस प्रक्रिया की शुरुआत 31 जनवरी से ही करनी शुरू कर दी थी. सूत्रों ने बताया कि कंपनी के पास ऐसा करने के अलावा कोई और रास्‍ता नहीं था.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

द हिन्‍दू की रिपोर्ट के मुताबिक उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (DPIIT) ने कहा है कि उसे 1 फरवरी की समयसीमा को आगे बढ़ाने के लिए कई ज्ञापन मिले थे. इनमें ई-कॉमर्स में एफडीआई नीति पर 2018 की श्रृंखला के प्रेस नोट 2 की शर्तों के अनुपालन की समयसीमा को बढ़ाने का आग्रह किया गया था. लेकिन गहन विचार विमर्श के बाद सक्षम प्राधिकरण की मंजूरी से इस समयसीमा को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया गया है. 

अमेजन और वॉलमार्ट दोनों ने इस 1 फरवरी की समयसीमा को बढ़ाने की मांग करते हुए कहा था कि इस नई रूपरेखा को समझने के लिए उन्हें और समय की जरूरत है. अमेजन ने संशोधित नियमों के क्रियान्वयन के लिए जहां एक जून तक समय मांगा था वहीं फ्लिपकार्ट ने छह महीने का और समय मांगा था. 

इससे पहले सरकार ने 26 दिसंबर, 2018 को ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए नियम कड़े करते हुए फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों पर उन फर्मों के उत्पादों की बिक्री पर रोक लगा दी थी जिनमें इन ई-कॉमर्स कंपनियों की हिस्सेदारी है. 

इसके अलावा ई-कॉमर्स कंपनियों पर उत्पादों की विशिष्ट बिक्री के लिए करार करने पर भी रोक लगाई गई है. संशोधित दिशानिर्देशों के अनुसार कोई वेंडर उसी मार्केटप्लेस की समूह की कंपनियों से 25 प्रतिशत से अधिक की खरीद नहीं कर सकता जहां से उसे उन उत्पादों की बिक्री करनी है. 

व्यापारियों के संगठन कनफेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने सरकार से आग्रह किया था कि इन बदलावों को लागू करने की समयसीमा को बढ़ाया नहीं जाए.

एजेंसी इनपुट के साथ