आदित्य बिड़ला कैपिटल, निप्पॉन लाइफ में मर्जर पर नहीं बनी बात, यहां फंस गया पेंच
सूत्रों के मुताबिक, आदित्य बिड़ला कैपिटल और निप्पॉल लाइफ में कर्ज में डूबी रिलायंस कैपिटल लिमिटेड (RCL) के लाइफ इंश्योरेंस वेंचर में हिस्सेदारी घटाने पर सहमति नहीं बनी.
आदित्य बिड़ला कैपिटल (Aditya Birla Capital) और जापान की निप्पॉन लाइफ (Nippon Life) के बीच विलय के लिए बातचीत विफल रही. सूत्रों के मुताबिक, आदित्य बिड़ला कैपिटल और निप्पॉल लाइफ में कर्ज में डूबी रिलायंस कैपिटल लिमिटेड (RCL) के लाइफ इंश्योरेंस वेंचर में हिस्सेदारी घटाने पर सहमति नहीं बनी.
निप्पॉन लाइफ (Nippon Life), जो रिलायंस निप्पॉन लाइफ इंश्योरेंस कंपनी (RNLIC) में 49% भागीदार है, रिलायंस निप्पॉन लाइफ (Reliance Nippon Life) और आदित्य बिड़ला कैपिटल की बिड़ला सन लाइफ इंश्योरेंस (Birla Sun Life Insurance) के बीच विलय पर विचार कर रही थी. बता दें कि RNLIC कर्ज में डूबी रिलायंस कैपिटल की सब्सिडियरी कंपनी है जो इनसॉल्वेंसी रेजोल्यूशन प्रोसेस से गुजर रही है.
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क्या है नियम?
दोनों बीमा इकाइयों के वैल्युएशन के आधार पर निप्पॉन लाइफ को विलय के बाद बनने वाली नई इकाई में अपनी हिस्सेदारी को 49% से घटाकर करीब 15% पर लेकर आना होगा. IRDAI के दिशानिर्देशों के अनुसार, एक एंटिटी दो लाइफ या नॉन-लाइफ इंश्योरंस एंटिटीज को फ्लोट नहीं कर सकती है, नतीजतन, बिड़ला सन लाइफ (Birla Sun Life) के लिए रिलायंस निप्पॉन लाइफ इंश्योरेंस के साथ विलय करना अनिवार्य होगा, अगर इसके प्रोमोटर्स RCL की समाधान प्रक्रिया के दौरान सफल बोलीदाता के रूप में सामने आते हैं.
बोली लगाने की अंतिम तारीख 28 नवंबर
RCL और उसकी सब्सिडियरी के लिए बिड जमा करने की अंतिम तारीख 28 नवंबर है. आरसीएल के बीमा समेत 8 कारोबार इस बोली प्रक्रिया का हिस्सा हैं. इसमें बोलीकर्ता कंपनी एवं उसकी सब्सिडियरी के लिए सम्मिलित बोली लगा सकते हैं या फिर वे सब्सिडियरी के लिए अलग-अलग बोली भी लगा सकते हैं.
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