Adani ग्रुप खरीदेगा अंबुजा सीमेंट्स और ACC लिमिटेड में Holcim India की हिस्सेदारी, 10.5 अरब डॉलर में हुई डील
Adani Holcim deal: यह अडानी ग्रुप की ओर से अबतक का सबसे बड़ा अधिग्रहण है. इस सौदे के पूरा होते ही अडानी ग्रुप की सीमेंट सेक्टर में एंट्री हो जाएगी.
Adani Holcim deal: अडाणी ग्रुप ने एक ऑफशोर स्पेशल पर्पज व्हीकल (SPV) के जरिए एलान किया कि उसने भारत की दो प्रमुख सीमेंट कंपनियों-अंबुजा सीमेंट्स लिमिटेड और एसीसी में स्विट्जरलैंड स्थित होल्सिम लिमिटेड की पूरी हिस्सेदारी खरीदेगा. होल्सिम की अपनी सहायक कंपनियों के जरिए अंबुजा सीमेंट्स में 63.19 फीसदी और ACC में 54.53 फीसदी हिस्सेदारी है (जिसमें से 50.05 फीसदी अंबुजा सीमेंट्स के पास है). यह डील 10.5 अरब डॉलर की है. यह अडानी ग्रुप की ओर से अबतक का सबसे बड़ा अधिग्रहण है. इस सौदे के साथ ही अडानी ग्रुप की सीमेंट सेक्टर में एंट्री हो जाएगी.
भारत में सीमेंट की खपत केवल 242 किलोग्राम प्रति व्यक्ति है, जबकि ग्लोबल औसत 525 किलोग्राम प्रति व्यक्ति की तुलना में, भारत में सीमेंट क्षेत्र के विकास की काफी संभावनाएं हैं. तेजी से शहरीकरण, बढ़ते मिडिल क्लास और अफोर्डेबल हाउसिंग के साथ-साथ निर्माण और अन्य बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में महामारी से उबरने के साथ-साथ अगले कई दशकों में सीमेंट क्षेत्र के विकास को जारी रखने की उम्मीद है.
अंबुजा सीमेंट्स और एसीसी के पास इस समय 70 MTPA की संयुक्त रूप से स्थापित उत्पादन क्षमता है. दोनों कंपनियां भारत में सबसे मजबूत ब्रांडों में से हैं, जिनके पास कंस्ट्रक्शन और सप्लाई चेन काफी मजबूत है. इनके भारत में 23 सीमेंट प्लांट्स, 14 पीसने वाले स्टेशनों, 80 तैयार-मिश्रण कंक्रीट प्लांट और 50,000 से अधिक चैनल पार्टनर हैं.
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
अडाणी ग्रुप का सबसे बड़ा अधिग्रहण
अडाणी ग्रुप ने एक बयान में कहा, 'अडाणी ग्रुप ने एक ऑफशोर स्पेशल पर्पस व्हीकल (सहायक कंपनी) के जरिए घोषणा की है कि उसने भारत की दो प्रमुख सीमेंट कंपनियों अंबुजा सीमेंट्स लिमिटेड और एसीसी लिमिटेड में स्विट्जरलैंड स्थित होलसिम लिमिटेड की पूरी हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिए निश्चित समझौते किए हैं.' होल्सिम ने एक बयान में कहा, अंबुजा सीमेंट के लिए ऑफर शेयर प्राइस 385 रुपये और एसीसी के लिए 2300 रुपये है. यह इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड मटीरियल के क्षेत्र में ये भारत का अब तक का सबसे बड़ा अधिग्रहण माना जा रहा है. स्विटजरलैंड की इस कंपनी ने 17 साल पहले भारत में एंट्री की थी.