Adani Green ने ऐसा क्या कहा कि 16% तक चढ़ गए Adani Stocks?
अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड ने शेयर बाजार को दी सूचना में बताया कि वे खबरें ‘‘गलत’’ हैं जिनमें दावा किया गया है कि इन तीनों पर एफसीपीए उल्लंघन का आरोप लगाया गया है. उन पर ऐसे अपराधों का आरोप लगाया गया है जिनके लिए आर्थिक जुर्माना या दंड का प्रावधान है.
Adani Stocks: शेयर बाजार में अरबपति गौतम अडाणी की कंपनियों के शेयरों में बुधवार को जबरदस्त तेजी देखी गई. ग्रुप के लिए जहां पिछले हफ्ते बुरी खबर आई थी, और शेयर जहां गिरे थे, आज वैसी ही बढ़िया तेजी देखी गई. ग्रुप के शेयरों में 16% तक की तेजी देखी गई. दरअसल, ग्रुप की कंपनी Adani Green की ओर से एक स्पष्टीकरण जारी किया गया है, जिसके बाद शेयरों में रिकवरी आई. साथ ही सीनियर एडवोकेट महेश जेठमलानी की ओर से भी ग्रुप के आरोपों को लेकर बयान आए हैं.
Adani Green ने क्या कहा?
Adani Green Energy Limited ने एक बयान में कहा कि अरबपति गौतम अडाणी और उनके भतीजे सागर अडाणी पर कथित रिश्वतखोरी के मामले में अमेरिका के विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम (FCPA) के उल्लंघन का कोई आरोप नहीं लगाया गया है. अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड ने शेयर बाजार को दी सूचना में बताया कि वे खबरें ‘‘गलत’’ हैं जिनमें दावा किया गया है कि इन तीनों पर एफसीपीए उल्लंघन का आरोप लगाया गया है. उन पर ऐसे अपराधों का आरोप लगाया गया है जिनके लिए आर्थिक जुर्माना या दंड का प्रावधान है. कंपनी की सूचना के अनुसर, ‘‘गौतम अडाणी, सागर अडाणी और विनीत जैन पर अमेरिकी न्याय मंत्रालय के अभियोग या अमेरिकी एसईसी की सिविल शिकायत में निर्धारित आरोपों के अनुसार एफसीपीए के किसी भी उल्लंघन का आरोप नहीं लगाया गया है.’’
इसमें कहा गया, ‘‘ इन निदेशकों पर आपराधिक अभियोग में तीन आरोप लगाए गए हैं. उन पर प्रतिभूति धोखाधड़ी का षड्यंत्र रचना, वायर धोखाधड़ी का षड्यंत्र रचना, और प्रतिभूति धोखाधड़ी का आरोप है.’’ कंपनी ने कहा, ‘‘ अभियोग में किसी भी जुर्माने/दंड को निर्दिष्ट नहीं किया गया है.’’ अडाणी समूह ने सभी आरोपों से इनकार किया और कहा कि वह अपने बचाव के लिए हर संभव कानूनी मदद लेगा.
इसमें कहा गया है कि सिविल शिकायत के आरोप के मुताबिक, अधिकारियों ने प्रतिभूति अधिनियम 1933 और प्रतिभूति अधिनियम 1934 की कुछ धाराओं का उल्लंघन किया, अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड को इन अधिनियमों का उल्लंघन करने में मदद की और बढ़ावा दिया. कंपनी की सूचना के अनुसार, ‘‘ शिकायत में प्रतिवादियों को सिविल मौद्रिक दंड का भुगतान करने का निर्देश देने के लिए आदेश देने का अनुरोध किया गया है, लेकिन इसमें जुर्माने की राशि कितनी हो, इसके बारे में कुछ नहीं कहा गया.’’
क्या है पूरा मामला?
अमेरिकी न्याय मंत्रालय ने गौतम अडाणी, सागर अडाणी और विनीत जैन के खिलाफ न्यूयॉर्क के पूर्वी जिले की अमेरिकी जिला अदालत में एक आपराधिक अभियोग दायर किया है. बंदरगाहों से लेकर ऊर्जा तक के कारोबार से जुड़े समूह के संस्थापक चेयरमैन गौतम अडाणी, सागर अडाणी और प्रमुख कार्यकारी अधिकारी विनीत जैन पर अमेरिकी न्याय मंत्रालय ने आरोप लगाया है कि वे भारतीय अधिकारियों को 26.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर की रिश्वत देने की कथित साजिश का हिस्सा थे. यह रिश्वत सौर बिजली की आपूर्ति के लिए ठेका हासिल करने के वास्ते दी गई थी जिससे 20 साल की अवधि में दो अरब अमेरिकी डॉलर का मुनाफा होना था.
महेश जेठमलानी का आया बयान
महेश जेठमलानी ने बुधवार को कहा कि अडाणी के ख़िलाफ़ करप्शन के कोई सबूत इंडिक्टमेंट में नहीं दिए गए हैं. जब सबूत ही नहीं हैं तो देश में जाँच कराने कि क्या ज़रूरत है? बिना सबूत के खिलाफ जांच कराना कानून के खिलाफ है. पहले यदि यूएस इंडिक्टमेंट के ऑर्डर पर जांच हुई तो वहां कोई सबूत होंगे यहां तो ऐसा कुछ भी नहीं. उन्होंने कहा कि इन आरोपों की जॉइंट पार्लियामेंट्री कमिटी से जांच कराने के लिए कांग्रेस को सबूत देने चाहिए केवल आरोप से जेपीसी नहीं होती.