Adani-Hindenburg Case: जांच पूरी करने के लिए SEBI को 3 महीने का और वक्त दे सकता है सुप्रीम कोर्ट
Adani Hindenburg Case: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह अदानी समूह की ओर से शेयरों की कीमतों में हेराफेरी के आरोपों और विनियामकीय खुलासे में चूक की जांच पूरी करने के लिए सेबी को और 3 महीने का समय देने पर विचार कर सकता है.
Adani Hindenburg Case: अदानी-हिंडनबर्ग विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट जांच पूरी करने के लिए सेबी को और 3 महीने देने का संकेत दिया है. अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म Hindenburg Research की ओर से विस्फोटक आरोपों का सामना कर रहे अदानी ग्रुप का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है. बाजार नियामक सेबी इस मामले में जांच कर रहा है. सेबी की ओर से जांच को पूरा करने के लिए छह महीनों का और वक्त मांगा गया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि वह अदानी समूह की ओर से शेयरों की कीमतों में हेराफेरी के आरोपों और विनियामकीय खुलासे में चूक की जांच पूरी करने के लिए सेबी को और 3 महीने का समय देने पर विचार कर सकता है.
15 मई को होगी अगली सुनवाई
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ ने कहा कि अदालत की रजिस्ट्री को इस मुद्दे पर सर्वोच्च अदालत द्वारा नियुक्त न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) ए एम सप्रे समिति की रिपोर्ट मिली है और समिति के तथ्यों पर गौर करने के बाद वह इस मामले पर सोमवार को सुनवाई करना चाहेगी. पीठ ने कहा, "इस बीच हमें रिपोर्ट पर गौर करना होगा. हम इस मामले की 15 मई को सुनवाई करेंगे.’’ न्यायालय ने विभिन्न जनहित याचिकाओं और बाजार नियामक की याचिका को 15 मई को सुनवाई के लिए लिस्ट किया है.
अदालत ने आरोप लगाने से बचने को कहा
सुनवाई के दौरान, पीठ ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि वह जांच पूरी करने के लिए बाजार नियामक को छह महीने के बजाय तीन महीने का समय दे सकती है. याचिकाकर्ता जया ठाकुर की ओर से पेश एक वकील को आगाह करते हुए पीठ ने कहा कि इस अदालत ने सेबी की ओर से किसी नियामक नाकामी के बारे में कुछ नहीं कहा है. पीठ ने कहा, ''आरोप लगाते समय आप सावधानी बरतें. इससे शेयर बाजार की धारणा पर असर पड़ सकता है. यह सभी आपके आरोप हैं और इनकी जांच के लिए समिति का गठन किया गया है.
सेबी कर रही थी गहन जांच
हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने मामले की जांच करन शुरू की थी. जानकारी आई थी कि SEBI ने 'अदानी-होल्सिम डील' में इस्तेमाल SPV का ब्यौरा मांगा था और रेगुलेटर ने पिछले एक साल में अदानी ग्रुप की ओर से की गई सभी डील्स की जांच तेज कर दी है. रिपोर्ट आई थी कि लिस्टेड स्पेस में अदानी ग्रुप की ओर से जितने भी ट्रांजैक्शन हुए हैं, सेबी उन सभी ट्रांजैक्शन की जांच कर रही है और जांच को पहले से तेज कर दिया है. सामान्य तौर पर जो डिस्क्लोजर नहीं मांगे जाते, वो भी मांगे गए थे, ऐसी जानकारी मिली थी.
(भाषा से इनपुट के साथ)
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