Adani Group का बड़ा फैसला, 2 कंपनियों में शेयर बेचकर जुटाएगा 21000 करोड़ रुपए
Adani Group इस समय कैश किल्लत से जूझ रहा है. कर्ज की बड़ी देनदारी है. निवेशकों का भरोसा टूट गया है. इन तमाम परिस्थितियों के बीच ग्रुप ने दो कंपनियों में शेयर बेचकर 21000 करोड़ रुपए का भारी-भरकम फंड जुटाने का फैसला किया है.
हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद अदानी ग्रुप की परेशानी काफी बढ़ गई है. कंपनी पर कर्ज का बड़ा बोझ है. ग्रुप के लिए कर्ज की किश्तों को चुकाना मुश्किल पड़ रहा है. निवेशकों का भरोसा भी बुरी तरह टूट चुका है. ऐसे में निवेशकों के भरोसे को वापस कायम करने और अपनी देनदारियों को समय पर पूरा करने के लिए ग्रुप ने फंड रेजिंग का फैसला किया है. शेयर बाजार को दी गई सूचना के मुताबिक, अदानी ग्रुप दो कंपनियों में शेयर बेचकर 21000 करोड़ रुपए का बड़ा फंड जुटाएगा.
अदानी एंटरप्राइजेज से 12500 करोड़ जुटाया जाएगा
जानकारी के मुताबिक, अदानी एंटरप्राइजेज में 12500 करोड़ रुपए की हिस्सेदारी बेची जाएगी. अदानी ट्रांसमिशन में 8500 करोड़ रुपए के शेयर बेचे जाएंगे. इस हफ्ते अदानी एंटरप्राइजेज का मार्केट कैप 2.24 लाख करोड़ रुपए रहा. अदानी ट्रांसमिशन का मार्केट कैप 98700 करोड़ रुपए के करीब है. ग्रुप के लिए यह जोखिम भरा निर्णय माना जा रहा है.
फंड रेजिंग को लेकर अदानी ग्रीन एनर्जी की बैठक टली
इधर अदानी ग्रुप ने हिंडनबर्ग के सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है. बता दें कि ग्रुप की रिन्यूएबल एनर्जी कंपनी अदानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड का बोर्ड ऑफ डायरेक्टर भी शनिवार को धन जुटाने के लिए मिलने वाला था लेकिन यह बैठक अब 24 मई के लिए टाल दी गई है. धन संग्रह योग्य संस्थागत खरीदारों को शेयर जारी करने के माध्यम से होगा. मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने कहा कि यूरोप और मध्य पूर्व के निवेशकों ने इसमें काफी दिलचस्पी दिखाई है.
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर जांच के लिए SEBI को 3 महीने मिल सकता है
इधर अदानी-हिंडनबर्ग विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट जांच पूरी करने के लिए सेबी को और 3 महीने देने का समय देने का संकेत दिया है. अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म Hindenburg Research की ओर से विस्फोटक आरोपों का सामना कर रहे अदानी ग्रुप का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है. बाजार नियामक सेबी इस मामले में जांच कर रहा है. सेबी की ओर से जांच को पूरा करने के लिए छह महीनों का और वक्त मांगा गया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि वह अदानी समूह की ओर से शेयरों की कीमतों में हेराफेरी के आरोपों और विनियामकीय खुलासे में चूक की जांच पूरी करने के लिए सेबी को और 3 महीने का समय देने पर विचार कर सकता है.
(भाषा इनपुट के साथ)
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