अडानी ग्रुप पर लगे आरोप और अमेरिकी कोर्ट के हालिया फैसले के बाद मूडीज (Moody's) ने अडानी ग्रुप की रेटिंग पर बयान जारी किया है. मूडीज ने कहा कि अडानी ग्रुप के खिलाफ चल रहे कानूनी मामलों और बाजार में आए उतार-चढ़ाव से ग्रुप की क्रेडिट रेटिंग पर निगेटिव असर पड़ सकता है.

क्या है मामला?

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अमेरिका की एक अदालत में अडानी ग्रुप के खिलाफ लगाए गए वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों की सुनवाई चल रही है. इस केस में आरोप है कि ग्रुप ने अपनी कंपनियों के शेयरों को बढ़ाने और निवेशकों को गुमराह करने की कोशिश की. हालिया फैसले में कोर्ट ने इस मामले में जांच जारी रखने का संकेत दिया है, जिससे निवेशकों में अनिश्चितता का माहौल बन गया है.

मूडीज का बयान

मूडीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, "अगर अदाणी ग्रुप पर वित्तीय और कानूनी दबाव बढ़ता है, तो इसका असर उनके कैश फ्लो और फंडिंग एक्सेस पर पड़ सकता है." हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि ग्रुप ने अपने कारोबार को मजबूत बनाए रखने के लिए कई कदम उठाए हैं.

रेटिंग में बदलाव की संभावना

मूडीज ने अडानी ग्रुप की क्रेडिट रेटिंग को लेकर कहा है कि ग्रुप के कर्ज और आय के अनुपात पर गंभीरता से नजर रखी जा रही है. अगर यह अनुपात खराब होता है या बाजार में ग्रुप का भरोसा और कमजोर होता है, तो रेटिंग में गिरावट हो सकती है.

US कोर्ट के फैसले का असर

अडानी ग्रुप पर अमेरिकी कोर्ट के फैसले का असर न केवल भारत बल्कि वैश्विक स्तर पर भी महसूस किया जा रहा है. शेयर बाजार में ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखी गई है.

निवेशकों को क्या करना चाहिए?

अडानी ग्रुप में निवेश करने वालों को फिलहाल सतर्क रहने की जरूरत है. कानूनी मामलों के अपडेट्स पर नजर रखें. ग्रुप की वित्तीय स्थिति और भविष्य की योजनाओं पर फोकस करें. इसके अलावा मार्केट एक्सपर्ट सुशील केडिया ने कहा कि अभी मार्केट में ओवर रिएक्ट करने की जरूरत नहीं है. थोड़ी शांति रखनी है. उन्होंने निवेशकों को सलाह दी है कि फिलहाल अडानी ग्रुप के स्टॉक्स से दूर रहे.