Adani Group Loan: लोन एक्सपोजर का ज्यादा खतरा नहीं, बैंकों के पास नहीं है अदानी का ज्यादा लोन, Fitch Ratings की रिपोर्ट
Adani Group Loan: फिच रेटिंग्स ने Adani Group की कंपनियों को भारतीय बैंकों के कर्ज पर कहा है कि कर्ज अपने-आप में इतना अधिक नहीं है कि बैंकों के ऋण प्रोफाइल को किसी तरह का ठोस जोखिम पैदा हो सके.
Adani Group Loan: रेटिंग एजेंसी Fitch ने मंगलवार को कहा कि शेयर बाजार में भारी गिरावट का सामना कर रही Adani Group की कंपनियों को भारतीय बैंकों का कर्ज इतना अधिक नहीं है कि उनके क्रेडिट पोर्टफोलियो के लिए कोई ठोस जोखिम पैदा हो. अमेरिकी निवेश रिसर्च फर्म Hindenburg Research की प्रतिकूल रिपोर्ट आने के बाद से अदानी समूह के शेयरों में तगड़ी गिरावट आई है. इसकी वजह से भारतीय बैंकों के समूह को दिए गए कर्ज को लेकर भी आशंका जताई जाने लगी है. फिच रेटिंग्स ने इस संदर्भ में अपनी एक टिप्पणी में कहा, "अदानी समूह को भारत के बैंकों का कर्ज अपने-आप में इतना अधिक नहीं है कि बैंकों के ऋण प्रोफाइल को किसी तरह का ठोस जोखिम पैदा हो सके." बैंकों की रेटिंग इस उम्मीद पर आधारित होती है कि उन्हें कर्ज फंसने की स्थिति में जरूरत पड़ने पर असाधारण सरकारी समर्थन मिल जाएगा.
"कर्ज जोखिम मैनेज करने लायक होगा"
फिच रेटिंग्स ने तीन फरवरी को भी कहा था कि अदानी समूह की कंपनियों एवं शेयरों से संबंधित उसकी रेटिंग पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट का तत्काल कोई असर नहीं पड़ेगा. फिच ने कहा, "अगर अदानी समूह के बड़े हिस्से के तनावग्रस्त होने की काल्पनिक स्थिति में भी भारतीय बैंकों का कर्ज जोखिम मैनेज करने लायक होगा और इन बैंकों की व्यवहार्यता रेटिंग पर भी उसका कोई उलटा प्रभाव नहीं होगा."
भारत की साख पर असर का खतरा?
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि फिच रेटिंग वाले भारतीय बैंकों की कुल उधारी में अदानी समूह की सभी कंपनियों की हिस्सेदारी 0.8-1.2 प्रतिशत है जो कि कुल इक्विटी का करीब 7 से 13 प्रतिशत है. हालांकि फिच ने कहा कि अदानी समूह से संबंधित कुछ ऐसे गैर-पोषित कर्ज हो सकते हैं जिनकी जानकारी नहीं दी गई हो. लेकिन रेटिंग एजेंसी को ऐसी होल्डिंग के वितरित कर्ज की तुलना में कम ही रहने की उम्मीद है. इसी के साथ रेटिंग एजेंसी ने ऐसे जोखिम को लेकर आगाह भी किया है कि इस विवाद का असर व्यापक हो जाए और भारत की साख पर असर डाले.