पिछले छह महीने में सीनियर से मिड लेवल के दर्जनों लोगों द्वारा कंपनी छोड़ देने के बाद पेप्सीको ने अपने कर्मचारियों को रोकने के लिए नई रणनीति अपनाई है. इसके तहत कर्मचारियों को 'लोकेशन फ्री' का ऑप्शन दिया जाएगा. यानी वो कहीं से भी काम कर सकते हैं. इसके अलावा कुछ कर्मचारियों के पास विकल्प होगा कि वो भारत से जाए बिना ही वैश्विक जिम्मेदारियों का निर्वाह कर सकेंगे.

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देश की प्रमुख बीवरेज कंपनी के गुड़गांव स्थित मुख्यालय में कम से कम दस प्रतिशत पद लोकेशन फ्री होंगे. इसका मतलब है कि ये कर्मचारी देश में कहीं भी रहकर काम कर सकते हैं. इतना ही नहीं पेप्सी के कर्मचारी भारत में रहते हुए ग्लोबल फंक्शन में भी काम कर सकेंगे. इसका मतलब है कि वो भारत में ही अपने कार्य समूह का हिस्सा होंगे, लेकिन वो अपने सेक्टर या ग्लोबल हेड को रिपोर्ट करेंगे, जो दुबई, न्यूयार्क या किसी अन्य कल्स्टर हेडक्वाटर में हो सकते हैं. इन कर्मचारियों को अपने भारतीय लीडरशिप को रिपोर्ट नहीं करना होगा.

टेक्नालॉजी का फायदा 

समाचार पत्र इकनॉमिक टाइम्स के मुताबिक कंपनी के एक प्रवक्ता ने बताया, 'ऐसा टेक्नालॉजी का फायदा लेने और प्रतिभा को अपने पास बनाए रखने के लिए किया जा रहा है. जो प्रतिभाशाली लोग बेवजह अपनी जगह नहीं बदलना चाहते, उनके करियर आकांक्षाओं का ख्याल रखने के लिए भी ऐसा किया गया है. जिन लोगों की भूमिका मैन्युफैक्चरिंग और सेल्स जैसे ग्राहकों से जुड़े कार्यों में नहीं है, बल्कि उनका काम मानव संसाधन, आरएंडडी, आईटी और फिनांस जैसा है.'

उदाहरण के लिए ग्लोबल कैंपस लीड भारत में स्थित है और अब न्यूयार्क को रिपोर्ट करता है. इसी तरह एचआर सेक्टर क्षतिपूर्ति लाभ के प्रमुख भारत में हैं और दुबई को रिपोर्ट करते हैं, जबकि डिजिटल हेड भारत में हैं और न्यूयार्क को रिपोर्ट करते हैं.

कंपनी की उपाध्यक्ष एचआर सुचित्रा राजेंद्र ने बताया, 'स्थानीय प्रतिभाओं को लगातार अधिक से अधिक वैश्विक भूमिकाएं और जिम्मेदारियां दी जाती हैं. इसमें डिजिटल और अन्य साझा सेवाएं जैसे नए क्षेत्र शामिल हैं. ज्यादातर मामलों में ये भूमिकाएं टेक्नालॉजी में तरक्की के चलते स्थानीय स्तर पर दी जाती हैं.'