ज़ी बिजनेस पर बड़ा खुलासा- 'ऑपरेशन हफ्ता वसूली', लोन के नाम पर टॉर्चर का पर्दाफाश
बिजनेस न्यूज चैनल की हिस्ट्री में एक बार फिर ज़ी बिज़नेस ने बड़ा स्टिंग ऑपरेशन किया है. दरअससल, स्मॉल लेडिंग कंपनिया का पर्दाफाश किया गया है. लोन वसूली का दिल दहला देने वाला सच जब सामना आया तो ये चौंकाने वाला था.
हफ्ता वसूली.... अंडरवर्ल्ड की दुनिया के ये शब्द अब कॉरपोरेट जगत में भी उतर आया है. ग्राहकों को लोन देने वाली छोटी कंपनियां भी अब हफ्ता वसूली में लगी हैं. दरअसल, लॉकडाउन में भी ग्राहकों पर किस्त भरने का दबाव बनाया जा रहा है. लोन रिकवरी के नाम पर खुलेआम गुंडागर्दी चल रही है. ग्राहकों को धमकाया जा रहा है और खुलेआम टार्चर का ये खेल चल रहा है. लेकिन, ज़ी बिज़नेस ने ऐसी ही नकाबपोश कंपनियों को बेपर्दा कर दिया है. इनके गोरखधंधे का पर्दाफाश हो चुका है. ज़ी बिज़नेस के स्टिंग ऑपरेशन- 'ऑपरेशन हफ्ता वसूली' में सामने आई दिल दहला देने वाली कहानी.
बिजनेस न्यूज चैनल की हिस्ट्री में एक बार फिर ज़ी बिज़नेस ने बड़ा स्टिंग ऑपरेशन किया है. दरअससल, स्मॉल लेडिंग कंपनिया का पर्दाफाश किया गया है. लोन वसूली का दिल दहला देने वाला सच जब सामना आया तो ये चौंकाने वाला था. लोन देने वाली ये छोटी कंपनियां सूट-पैंट पहनकर हफ्तावसूली कर रही हैं. धमकी दे रही हैं और टॉर्चर कर रही हैं. #ZeeBusiness के स्टिंग ऑपरेशन में CashBean, YCash, OCash, Cash in and WiFiCash जैसी कंपनियों के नाम सामने आए हैं.
ज़ी बिज़नेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी के मुताबिक, ऑपरेशन हफ्ता वसूली में छोटी लोन देने वाली कंपनियां लॉकडाउन के नियम और शर्तों का पालन नहीं कर रही हैं. ये सभी माफिया की तरह अपने ग्राहकों को धमका रही हैं. सरकार और आरबीआई की तरफ से लोन EMI में मोहलत दी गई है. लेकिन, वो नियम इन कंपनियों पर लागू नहीं हुआ है. छोटी कंपनियां अपने ग्राहकों से न सिर्फ किस्त भरने का दबाव बना रही हैं, बल्कि उन्हें धमकी तक दे रही हैं.
धमकी भरे मैसेज भेजे
कंपनियों ने अपने ग्राहकों को क्रेडिट स्कोर खराब करने की धमकी दी, FIR कराने की धमकी दी और यहां तक की घर पर पुलिस भेजने की धमकी भी दे डाली. सिर्फ फोन ही नहीं, बल्कि वॉट्सऐप और टेलीग्राम जैसे ऐप पर भी धमकी देने से पीछे नहीं हटीं. आरबीआई के नाम पर फर्जी चिट्ठी भेजकर भी कार्रवाई की धमकी दी गई. मोबाइल कंटेंट के जरिए दोस्तों, रिश्तेदारों को बताने की धमकी. फोन पर गाली देकर, वॉट्सऐप-टेलीग्राम पर धमकी. देर से पेमेंट पर 30-60% प्रति माह की भारी-भरकम पेनाल्टी की धमकी.
क्या है ऑपरेशन हफ्ता वसूली?
Cash in, Wifi cash ने ज़ी बिज़नेस के ईमेल का जवाब नहीं दिया.
ज़ी बिज़नेस के ईमेल पर CashBean का जवाब पढ़िए.
PC फाइनेंशियल रिजर्व बैंक रेगुलेटेड NBFC है, जो रेगुलेशन को मानती है. खुलासे के बाद कंपनी ने जांच की और दोषी पाए गए ऑउटसोर्स कर्मचारी को कंपनी से बाहर कर दिया है और गलती के लिए कंपनी ने खेद जताया है.
ज़ी बिज़नेस के ईमेल पर Kissht
रिजर्व बैंक के एलान के बाद कंपनी ने कई कदम उठाए है. ग्राहकों को मोरिटॉरियम की जानकारी दी है और देरी से पेमेंट करने की ऑटोमैटिक प्रक्रिया शुरू की है. सभी शिकायतों का निपटारा कर रहे हैं. कलेक्शन करने वाले लोगों के मिसकम्युनिकेशन और पेनाल्टी की शिकायतों को दूर कर रहे हैं. कॉल सेंटर के लोगों को ज्यादा केयर के साथ ग्राहकों से जुड़ने की ट्रेनिंग दे रहे हैं. मुश्किल वक्त में ग्राहकों की सेवा करने के लिए तत्पर हैं.
क्या-क्या हैं परेशानियां?
36% तक की ऊंची ब्याज दरें.
10-15% प्रोसेसिंग फीस.
देर से पेमेंट पर 30-60% प्रति माह की भारी-भरकम पेनाल्टी.
कहां करें शिकायत?
पहले संबधित बैंक, लोन देने वाली एजेंसी में शिकायत करें.
कोई सुनवाई नहीं होने पर बैंकिंग ओम्बुड्समैन से शिकायत.
RBI की वेबसाइट पर कंप्लेंट मैनेजमेंट सिस्टम में शिकायत.
ज्यादा प्रताड़ित तो पुलिस में शिकायत का विकल्प.
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क्या करे सरकार?
छोटे लोन देने वाली कंपनियों पर भी RBI मोरेटॉरीयम लागू करें.
धमकी देने वाली कंपनियों पर हो बड़ी कार्रवाई.
धमकी देने पर कंपनियों पर हो पुलिस कार्रवाई.
फर्जी दस्तावेज बनाने पर हो कानूनी कार्रवाई.
डाटा प्राइवेसी के उल्लंघन पर साइबर क्राइम के तहत कार्रवाई.
इनके रिकवरी डिपार्टमेंट का तुरंत ऑडिट हो.
ग्राहकों का री-पेमेंट RBI की निगरानी में हो.
इन कंपनियों के लाइसेंस कैंसिल हो.
फेयर प्रैक्टिस कोड, रिकवरी एजेंट पर गाइडलाइन
किसी भी तरह के असभ्य तरीके का इस्तेमाल नहीं.
बल प्रयोग, धमकी, असभ्य भाषा का प्रयोग नहीं.
किसी ग्राहक की प्राइवेसी का उल्लंघन नहीं होगा.
बेवक्त ग्राहकों को वसूली के लिए फोन नहीं करेंगे.
परिवार,रिश्तेदारों, दोस्तों, रेफरेंस को भी फोन नहीं.
झूठे, गुमराह करने वाले तौर तरीकों का इस्तेमाल नहीं.
ग्राहकों की शिकायतों का निपटारा बैंक गंभीरता से करेंगे.
बैंक गंभीर नहीं तो रिकवरी एजेंट के इस्तेमाल पर रोक संभव.
समय समय पर रिकवरी एजेंट्स के कामकाज की समीक्षा.
रिकवरी एजेंट की हरकतों के लिए बैंक जिम्मेदार होंगे.
डायरेक्ट रिकवरी एजेंट्स के लिए 100 घंटे का ट्रेनिंग कोर्स.
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ज़ी बिज़नेस की सरकार, RBI से अपील
सरकार मोरेटॉरीयम का फायदा इनको भी दिलाए.
RBI इनकी रिकवरी प्रोसेस की निगरानी करे.