INTERNET BANKING इस्तेमाल करने वालों के लिए जरूरी खबर, हो सकता है नुकसान अगर...
कई ग्राहकों में अपने बैंक खातों की सुरक्षा को लेकर जानकारी के अभाव की वजह से भी धोखाधड़ी होती है. अगर आप सतर्क रहेंगे तो आपके साथ धोखाधड़ी नहीं होगी.
आजकल बैंक से जुड़े धोखाधड़ी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. इसमें ग्राहकों की भी कुछ लापरवाही होती है जिससे उन्हें खुद का नुकसान उठाना होता है. कई ग्राहकों में अपने बैंक खातों की सुरक्षा को लेकर जानकारी के अभाव की वजह से भी धोखाधड़ी होती है. आइए हम आज अपने बैंक खातों से जुड़ी उन खास बातों पर गौर करें कि आखिर बैंक अकाउंट की सुरक्षा को लेकर हमें क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए.
इन बातों को अमल में लाएं
- जानकारों का कहना है कि ऑनलाइन या नेट बैंकिंग के लिए हमेशा सुरक्षित ब्राउजर या कंप्यूटर से लेन-देन करें. ध्यान रखें वेबसाइट की शुरुआत में https:// और padlock (बाएं ऊपर की ओर) वेबसाइट के सुरक्षित होने के प्रमाण हैं.
- हमेशा अपने कंप्यूटर में अपडेटेड एंटीवायरस और फायरवॉल सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करें
- किसी भी तरह की सूचना जैसे क्रेडिट कार्ड नंबर या अकाउंट से जुड़ी जानकारी हमेशा सुरक्षित वेबसाइट या IVR के माध्यम से करें
- यह सुनिश्चित करें कि आपका ब्राउजर अप टू डेट है और इसमें सुरक्षा के पैच शामिल हैं
- अगर आपने गलती से बैंक अकाउंट की जानकारी किसी से साझा कर भी दी तो इसकी जानकारी अपने बैंक को तुरंत दें
- हाइपरलिंक पर क्लिक करने की बजाए ब्राउजर में हमेशा बैंक एड्रेस टाइप करें. जैसे- www.abcbank.com
- बैंक खाते से हुए लेन-देन की समय-समय पर पड़ताल अवश्य करें
ये कभी न करें
- अपने ई-मेल में आए हाइपरलिंक को कभी भी क्लिक न करें, जब तक कि आप URL की जांच स्वतंत्र रूप से नहीं कर लेते हैं
- वैसे किसी भी ई-मेल पर रिप्लाई न करें जिसमें आपसे आपके पर्सनल जानकारी मांगी जा रही हो
- विदेश से पैसों का ऑफर करने वाले ई-मेल पर कभी भी जवाब न दें
- कभी भी अंजान या अज्ञात संस्थाओं से आने वाली योजनाओं या ऑफर का न तो जवाब दें और न भाग ले
- वैसे ई-मेल या एसएमएस जिसमें कहा जा रहा हो कि आपने इतने करोड़ की लॉटरी जीत ली है, का जवाब बिल्कुल न दें
- किसी भी अज्ञात माध्यम वाले ई-मेल, इन्स्टैंट मैसेज या चैट पर आए लिंक को न तो क्लिक करें और न ही इसे फॉरवर्ड करें
- कभी भी आप अपने बैंक अकाउंट की जानकारी, डेबिट-क्रेडिट कार्ड नंबर, ओटीपी, सीवीवी नंबर, इंटरनेट पासवर्ड की जानकारी किसी से भी साझा न करें
- बैंक या कोई वित्तीय संस्थान आपसे इस तरह की कोई जानकारी कभी भी नहीं मांगते और न ही रिजर्व बैंक ही मांगता है. इसलिए फर्जी कॉल से बचें