यस बैंक (Yes Bank) के संकट के बाद से हर किसी के मन में सवाल है कि क्या बैंक डूबेगा या बचेगा? लेकिन, सरकार ने साफ कर दिया है कि वो बैंक को डूबने नहीं देगी. साथ ही किसी भी डिपॉजिटर का पैसा नहीं डूबेगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके यस बैंक को बचाने का भरोसा दिलाया. साथ ही बताया कि कैसे सरकार और आरबीआई मिलकर बैंक को रिस्ट्रक्चर करेंगे. वित्त मंत्री ने कहा ग्राहकों को चिंता करने की जरूरत नहीं है. किसी का पैसा नहीं डूबेगा. 

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ग्राहकों के साथ कर्मचारियों की सैलरी भी सुरक्षित

वित्त मंत्री ने कहा यस बैंक पर सरकार और RBI दोनों की नजर है. बैंक को वापस पटरी पर लाने के लिए Yes Bank की रीस्ट्रक्चरिंग से जुड़ा पूरा प्लान तैयार है. इसे RBI की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है. रीस्ट्रक्चरिंग के बाद नए बोर्ड का गठन होगा. SBI अब Yes Bank में 49 फीसदी हिस्सा खरीदेगा. यस बैंक को संकट से निकालने के लिए जिम्मेदार व्यक्ति की तलाश होगी. ग्राहकों के साथ ही यस बैंक कर्मचारियों को भी वित्त मंत्री ने भरोसा दिलाया है. उन्होंने कहा कि यस बैंक के कर्मचारियों की सैलरी 1 साल तक पूरी तरह सुरक्षित है. किसी को घबराने की जरूरत नहीं है. 

ज्यादा रकम निकालने का ऑप्शन

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि ग्राहकों को पैनिक नहीं करना चाहिए. 50 हजार रुपए की कैप सिर्फ 3 अप्रैल तक लगाई गई है. संयम बनाए रखने की जरूरत है. अगर किसी को एमरजेंसी है तो वो नियमों के मुताबिक ज्यादा रकम भी निकाल सकता है. मेडिकल एमरजेंसी और एजुकेशन फीस भुगतान के लिए 5 लाख रुपए तक की रकम निकाली जा सकती है. आरबीआई के नोटिफिकेशन में भी विशेष परिस्थितियों का जिक्र दिया गया है. 

RBI ने 5 मार्च को नकदी संकट से जूझ रहे यस बैंक के बोर्ड को भंग कर दिया था. साथ ही प्रशासक नियुक्त कर दिया है. इसके साथ ही बैंक के जमाकर्ताओं पर पैसे निकालने की लिमिट भी तय कर दी. RBI ने अगले आदेश तक बैंक के ग्राहकों के लिए निकासी की सीमा 50,000 रुपए तय की है. फिलहाल यह रोक 3 अप्रैल तक रहेगी. बैंक का नियंत्रण SBI के नेतृत्व में कंसोर्शियम करेगा. 

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वित्त मंत्री ने कहा यस बैंक का मामला अचानक नहीं उठा है. हम लंबे समय से इसे देख रहे हैं. उन्होंने कहा कि आरबीआई साल 2017 से इस मामले पर बारीकी से नजर रखे हुए है. उन्होंने कहा कि मई 2019 से वे खुद सीधे तौर पर मामले से जुड़े कार्य देख रही हैं.