जरा सी चूक और हजारों रुपए अकाउंट से साफ! आप भी करते हैं Wi-Fi Debit Card का इस्तेमाल तो जरूर जान लें ये बातें
Wi-Fi Debit Card काफी सुविधाजनक लगते हैं क्योंकि पेमेंट के समय ये आपके समय को काफी बचाते हैं, लेकिन जरा सी चूक से आपके अकाउंट से पैसे कट सकते हैं और आपको पता भी नहीं चल पाएगा. यहां जानिए वो तरीके जो बचाव में मददगार हो सकते हैं.
आजकल टेक्नोलॉजी ने बहुत से काम आसान कर दिए हैं, लेकिन इस आसानी से कई तरह के खतरे भी बढ़ गए हैं. अगर आप इनसे बचाव के तरीके नहीं जानते हैं तो कभी भी ठगी का शिकार हो सकते हैं. इन्हीं सुविधाओं में से एक है Wi-Fi Debit Card. इसे कॉन्टैक्टलैस डेबिट कार्ड (Contactless Debit Card) भी कहा जाता है. इसका फायदा ये है कि कार्ड किसी को देने की जरूरत नहीं पड़ती, बगैर स्वाइप किए ही पेमेंट हो जाता है और समय काफी बच जाता है क्योंकि इसमें पिन डालने की जरूरत नहीं होती. लेकिन ये कार्ड जितना सुविधाजनक लगता है, उतना ही रिस्की भी है क्योंकि जरा सी लापरवाही से आप ठगी के शिकार हो सकते हैं. अगर आप भी इस्तेमाल करते हैं Wi-Fi Debit Card तो आपको इससे जुड़ी ये जानकारी जरूर होनी चाहिए.
कैसे करता है काम
वाई-फाई डेबिट कार्ड नियर फील्ड कम्युनिकेशन (NFC) चिप के साथ आते हैं. इसमें शॉर्ट रेंज डाटा ट्रांसफर की सुविधा मिलती है. इसमें न तो आपको पिन डालने की जरूरत होती है और न ही किसी ओटीपी की. सिर्फ पॉइंट ऑफ सेल (POS) डिवाइस में टच करके इससे पेमेंट कर सकते हैं. ये कार्ड पीओएस मशीन से 4cm तक के दायरे में काम करता है. अगर पीओएस मशीन इस कार्ड के करीब लाई जाए तो आप जान भी नहीं पाएंगे कि कब आपके अकाउंट से पैसे चोरी हो जाएंगे.
सिर्फ 2000 रुपए तक का ट्रांजैक्शन
अगर आपके कार्ड में भी कॉन्टैक्टलैस फीचर इनबिल्ट है, तो इसे बंद नहीं कराया जा सकता. सिर्फ कार्ड के मामले में सावधानी बरती जा सकती है. हालांकि राहतभरी बात ये है कि रिजर्व बैंक ने कॉन्टैक्टलैस कार्ड से पेमेंट की लिमिट 2000 रुपए तक तय कर रखी है. इससे ज्यादा के पेमेंट के लिए पिन डालना जरूरी होता है. इसके अलावा इससे एक समय में एक ही ट्रांजैक्शन किया जा सकता है.
ठगी से बचने के लिए बरतें ये सावधानियां
ऐसे कार्ड को किसी मेटल से बने केस में रखें या एल्युमिनियम फॉयल में लपेटकर रखें. आप चाहें तो मेटल वॉलेट का इस्तेमाल कर सकते हैं. आजकल आपको RFID ब्लॉक करने वाले वॉलेट भी आसानी से मिल जाएंगे, जिससे आप अपने कार्ड को सुरक्षित कर सकते हैं. जब कभी भी आपको पेमेंट करना हो तो प्रोसेस खुद ही करें यानी मर्चेंट को कार्ड देने के बजाय खुद इसे पीओएस मशीन से टच कराएं और पेमेंट डीटेल चेक कर लें. इसके अलावा बैलेंस डिडक्शन का मैसेज जरूर चेक करें.
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें