कई बार ऐसा देखने को मिलता है कि कुछ क्रेडिट कार्ड (Credit Card) कंपनियां ग्राहकों के कार्ड की लिमिट को कम कर देती हैं. जुलाई 2023 में कई एसबीआई कार्ड यूजर्स के साथ भी ऐसा हुआ था. जब कभी ऐसा होता है ग्राहक इसकी शिकायत बैंक को भी करते हैं और अक्सर उसके बारे में सोशल मीडिया पर भी अपनी बात लिखते हैं. खैर आपको बता दें कि क्रेडिट कार्ड की लिमिट कम करने की प्रैक्टिस हर बैंक करता है. हालांकि, कोई भी बैंक (Bank) ऐसा कुछ खास परिस्थितियों में ही करता है. आइए जानते हैं कब कोई बैंक क्रेडिट कार्ड (How To Use Credit Card) की लिमिट को घटा सकता है.

1- पेमेंट डिफॉल्ट करने पर

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अगर भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों को देखें तो मार्च 2023 तक क्रेडिट कार्ड डिफॉल्ट बढ़कर 4072 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. अगर आप अपने क्रेडिट कार्ड के बकाया का भुगतान करने में कई बार देरी कर देते हैं तो बैंक आपको एक रिस्की ग्राहक की तरह देखता है. उसे लगता है कि आपके पास उतने पैसे नहीं हैं कि आप आसानी से क्रेडिट कार्ड बकाया चुका सकें और बैंक आपकी क्रेडिट लिमिट को घटा देता है.

2- मिनिमम ड्यू चुकाकर बकाया को कैरी फॉरवर्ड करना

ऐसे भी बहुत सारे लोग होते हैं तो जो क्रेडिट कार्ड के मिनिमम ड्यू को चुकाकर अपने बकाया को अगले महीने तक के लिए कैरी फॉरवर्ड कर लेते हैं. अगर आप दो-तीन बार ऐसा करते हैं तो कोई बात नहीं, क्योंकि ऐसी हालत में आप बकाया पर ब्याज चुकाते हैं, जिससे क्रेडिट कार्ड कंपनी की कमाई होती है. लेकिन अगर आप इसे अपनी प्रैक्टिस बना लेते हैं तो इससे आप पर बकाया का कर्ज बढ़ता ही चला जाएगा और मुमकिन है कि आप डेट ट्रैप में फंस जाएं. ऐसे में आपके लिए कर्ज चुकाना मुश्किल हो सकता है, जो क्रेडिट कार्ड कंपनी के लिए एक बड़ा रिस्क होता है. ऐसे में भी कंपनियां ग्राहकों के कार्ड की लिमिट को घटा देती हैं.

3- जरूरत से ज्यादा क्रेडिट लिमिट का इस्तेमाल

ऐसे भी कई ग्राहक होते हैं तो अपने क्रेडिट कार्ड की लिमिट का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल कर लेते हैं. आपको मिली लिमिट और जितना अमाउंट आप इस्तेमाल कर लेते हैं उसे यूटिलाइजेशन रेश्यो कहते हैं. अगर ये यूटिलाइजेशन रेश्यो अधिक हो जाता है तो भी क्रेडिट लिमिट घटाई जा सकती है. मान लीजिए आपके कार्ड पर 1 लाख रुपये की लिमिट है और आप हर महीने 80 हजार से लेकर 90-95 हजार रुपये तक की लिमिट का इस्तेमाल कर रहे हैं तो ये आपके लिए निगेटिव प्वाइंट होता है. दरअसल, ऐसे लोगों को क्रेडिट कार्ड कंपनियां इस तरह देखती हैं कि ये लोग क्रेडिट यानी कर्ज बहुत ज्यादा लेते हैं और रिस्की यूजर हो सकते हैं. ऐसे में कई बार ग्राहकों की क्रेडिट लिमिट ही घटा दी जाती है.

4- बहुत सारे क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल

कई बार कुछ ग्राहक एक के बाद एक कई सारे क्रेडिट कार्ड ले लेते हैं. इससे उनकी कुल लिमिट तेजी से बढ़ जाती है. मान लीजिए आपके एक कार्ड की क्रेडिट लिमिट 1 लाख रुपये है और आपके पास कुल मिलाकर 10 क्रेडिट कार्ड हैं तो इस तरह आपकी कुल लिमिट 10 लाख रुपये हो जाती है. अब अगर आप इन कार्ड का बहुत ज्यादा इस्तेमाल करते हैं तो भी बैंक को लगेगा कि आप कर्ज पर बहुत ज्यादा निर्भर रहते हैं और एक रिस्की यूजर हैं. ऐसे में बैंक आपकी क्रेडिट लिमिट को कम कर सकता है.

5- कार्ड का बहुत कम इस्तेमाल करना

कई बार ऐसे भी ग्राहक होते हैं जो क्रेडिट कार्ड तो बनवा लेते हैं, लेकिन उन्हें कार्ड इस्तेमाल करना ठीक से नहीं आता या अच्छा नहीं लगता. नतीजा ये होता है कि वह क्रेडिट कार्ड का बहुत ही कम इस्तेमाल करते हैं. बैंकों की तरफ से ऐसे ग्राहकों की भी क्रेडिट लिमिट घटा दी जाती है, क्योंकि बैंकों का फायदा तभी होगा जब अपने कार्ड का खूब इस्तेमाल करेंगे.

आर्थिक अस्थिरता में भी बैंक घटा देते हैं लिमिट

अगर इकनॉमी में ही कोई अस्थिरता आ जाए और लोग वित्तीय संकट से जूझने लगें, तो बहुत सारी क्रेडिट कार्ड कंपनियां ग्राहकों की क्रेडिट लिमिट को कम कर देती हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि कंपनियों को लगता है कि लोग अपने ड्यू चुका नहीं पाएंगे. जैसा कि कोरोना महामारी के दौरान जब हर तरफ आर्थिक संकट की स्थिति पैदा हो गई थी तो बहुत सारी क्रेडिट कार्ड कंपनियों ने कई लोगों के क्रेडिट कार्ड की लिमिट को घटा दिया था. 

क्या करें कि ना घटे क्रेडिट लिमिट?

अपनी क्रेडिट लिमिट को सुरक्षित करने के लिए आपको एक बैलेंस्ड अप्रोच अपनानी होगी. अपने कार्ड को बहुत ही कम इस्तेमाल ना करें और उसकी बहुत ज्यादा लिमिट का भी इस्तेमाल ना करें. साथ ही बार-बार अपने बकाया तो सिर्फ मिनिमम ड्यू चुकाकर कैरी फॉरवर्ड ना करें. कुल मिलाकर आपको अपने बैंक को ये नहीं लगने देना है कि आप उसके लिए एक रिस्की यूजर हैं और आपकी क्रेडिट कार्ड लिमिट नहीं घटेगी. अगर फिर भी आपकी क्रेडिट कार्ड लिमिट घटती है तो इसके बारे में बैंक को फोन कर के उनके कनफ्यूजन को दूर कर सकते हैं. मुमकिन है कि आपकी  क्रेडिट लिमिट फिर से बढ़ा दी जाए.