मुश्किल वक्त में आपके लिए मददगार साबित हो सकता है लोन का ये खास ऑप्शन, ज्यादातर लोगों को नहीं है इसकी जानकारी
कई बार हालात ऐसे पैदा हो जाते हैं कि व्यक्ति को लोन लेकर अपनी जरूरतों को पूरा करने के अलावा कोई विकल्प नहीं दिखता. इस स्थिति में आपके लिए लाइन ऑफ क्रेडिट काफी मददगार साबित हो सकता है.
मुश्किल समय कभी भी किसी पर भी आ सकता है. कई बार हालात ऐसे हो जाते हैं कि पैसों की बेहद जरूरत होती है, लेकिन कहीं से इंतजाम नहीं हो पाता. ऐसी स्थिति में कई बार पर्सनल लोन लेने की जरूरत पड़ जाती है. अगर आपके सामने कभी ऐसी नौबत आती है तो आप पर्सनल लोन की बजाय लाइन ऑफ क्रेडिट (Line of Credit) फैसिलिटी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. इसे लोग क्रेडिट लाइन भी कहते हैं. Line of Credit के कई फायदे होते हैं. यहां जानिए इसके बारे में.
क्या होता है Line of Credit
Line of Credit, एक निश्चित रकम होती है जो आपको किसी बैंक या वित्तीय संस्थान की ओर से उधार के तौर पर खर्च करने के लिए दी जाती है. इसका फायदा ये है कि आप उस रकम में से जितनी राशि का इस्तेमाल करते हैं, आपको ब्याज भी सिर्फ उतनी ही राशि पर देना होता है. बाकी बची रकम Line of Credit में ही पड़ी रहती है. उस पर न कोई ब्याज लगता है और न ही कोई पेनल्टी. जबकि पर्सनल लोन में आप जितनी राशि लोन के तौर पर लेते हैं, उस पूरी राशि पर आपको ब्याज देना होता है.
उदाहरण से समझिए
मान लीजिए कि आपको उधार के तौर पर 2 लाख रुपए बैंक से क्रेडिट लाइन के जरिए मिले हैं. लेकिन आपको उसमें से सिर्फ 1 लाख ही खर्च करने की जरूरत पड़ी तो ब्याज भी सिर्फ 1 लाख रुपए पर ही लगेगा. बाकी के 1 लाख रुपए पर किसी तरह की पेनाल्टी या ब्याज नहीं लगेगा. ये विकल्प उन लोगों के लिए बहुत अच्छा है, जिनको पैसों की जरूरत तो होती है, लेकिन ये अंदाजा नहीं होता कि रकम कितनी खर्च होगी. ऐसे में क्रेडिट लाइन के जरिए ज्यादा रकम मिलने पर भी अगर कम राशि खर्च होती है, तो ब्याज भी सिर्फ उतनी ही रकम पर देना होता है.
कैसे तय होती है लाइन ऑफ क्रेडिट की रकम
लाइन ऑफ क्रेडिट के जरिए आपको 3000 रुपए से लेकर 10 लाख रुपए तक भी मिल सकते हैं, लेकिन कोई भी वित्तीय संस्थान या बैंक आपको लाइन ऑफ क्रेडिट के तौर पर कितनी रकम देगा, ये आपके क्रेडिट स्कोर और वित्तीय क्षमता पर निर्भर करता है. क्रेडिट लाइन शुरुआती लिमिट, उसकी ब्याज दर और अन्य नियम, लोन जारी करने वाले बैंक या अन्य वित्तीय संस्थान निर्धारित करते हैं. उस बैंक या वित्तीय संस्थान या Loan APP की ओर से निर्धारित किये जाते हैं, जोकि लोन जारी करता है.
ये फायदे भी जानिए
लाइन ऑफ क्रेडिट को कई मामले में पर्सनल लोन से बेहतर माना जाता है. लाइन ऑफ क्रेडिट में प्रीपेमेंट चार्ज का चक्कर नहीं होता है. रकम को आप अपनी सुविधा के अनुसार खर्च कर सकते हैं. इसमें आपका पैसा अगर कम खर्च होगा तो ब्याज कम रकम पर ही देना होगा, पूरे पर नहीं. हालांकि क्रेडिट लाइन का एक ड्रॉबैक ये है कि कई बार इसकी ब्याज दरें पर्सनल लोन की तुलना में ज्यादा होती हैं. ऐसे में इस सुविधा का लाभ उठाने से पहले जरूरत और उस समयावधि का मूल्यांकन करें जिसके लिए आपको पैसे की आवश्यकता है.
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