आज के समय में सब कुछ बहुत आसान हो गया है. अब किसी तरह के ट्रांजेक्‍शन के लिए आपको बैंक में जाने की जरूरत नहीं होती है. आप ऑनलाइन कभी भी किसी को भी रकम ट्रांसफर कर सकते हैं. कई बार पैसे ट्रांसफर करने के दौरान पैसा दूसरे व्‍यक्ति के अकाउंट में पहुंच नहीं पाता और फंस जाता है. ऐसे में पैसों का स्‍टेटस जानने के लिए आपको UTR Number की जरूरत पड़ती है. 

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यूटीआर (Unique Transaction Reference Number) को उस समय जारी किया जाता है, जब दो बैंकों के बीच में ट्रांजेक्‍शन होता है. ट्रांजेक्‍शन फेल होने पर जब हम कस्‍टमर केयर नंबर पर बात करते हैं तो ग्राहक सेवा अधिकारी भी हमसे यूटीआर नंबर ही मांगता है. जानिए इसके बारे में तमाम जरूरी जानकारी.

यूटीआर का महत्‍व

यूटीआर को ट्रांजेक्शन नंबर या रिफरेंस नंबर भी कहा जाता है. इसकी मदद से फंड ट्रांसफर के स्‍टेटस का पता लगाया जाता है. अगर ट्रांजेक्‍शन कहीं अटक गया है तो इसकी भी जानकारी आपको यूटीआर नंबर से मिल जाती है. ये नंबर सिर्फ NEFT और RTGS से जुड़े ट्रांजेक्शन के लिए यूटीआर नंबर को जारी किया जाता है.

कितने अंकों का होता है यूटीआर

NEFT और RTGS के यूटीआर अलग-अलग डिजिट के होते हैं. NEFT के लिए 16 अंकों का और RTGS के लिए 22 अंकों का यूटीआर नंबर जारी किया जाता है. आप जब अपने बैंक स्‍टेटमेंट या मिनी स्टेटमेंट को देखेंगे तो को देखेंगे तो उनके सामने ही UTR  नंबर भी दर्ज मिलते हैं. यूटीआर नंबर को आईएमपीएस, यूपीआई और AePs से जुड़े ट्रांजेक्शन के लिए जारी नहीं किया जाता है. इनके लिए जो नंबर जारी होता है उसे ट्रांजेक्‍शन नंबर या रेफरेंस नंबर कहा जाता है.

16 अंकों के नंबर में होती है ये जानकारी

यूटीआर के 16 अंकों के भी मायने होते हैं क्‍योंकि इनमें भी जानकारी छिपी होती है. इस नंबर में पहले 4 अंक भेजने वाले के बैंक के आईएफएससी नंबर को दर्शाते हैं. अगला 1 अंक लेन-देन में इस्तेमाल हुए सर्वर की जानकारी देता है. उसके पीछे के दो अंक साल के दो लास्‍ट डिजिट के रूप में होते हैं जैसे साल 2022 है, तो 22 लिखा जाएगा. इसके बाद के 3 अंक जुलियन दिन संख्या होती है. जुलियन काल के प्रारंभ से अब तक के दिन का नंबर होता है और अंतिम 6 अंक, उस लेन-देन की क्रमसंख्या (sequence Number) को दर्शाते हैं.