SBI और HDFC के बाद यूनियन बैंक ने घटाईं ब्याज दरें, कम होगा EMI का बोझ
Union Bank of India ने कहा कि उसने विभिन्न अवधि के कर्ज पर कोष की सीमान्त लागत (एमसीएलआर) आधारित ब्याज दर में 0.10 प्रतिशत की कमी है.
नए साल में बैंकों ने आम आदमी को बड़ी राहत दी है. देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक समेत कई सरकारी और निजी क्षेत्र के बैंकों ने ब्याज दरों में कटौती की है. बैंकों के इस कदम से होम लोन, ऑटो लोन समेत तमाम तरह के कर्ज लेने वाले लोगों को ईएमआई में राहत मिली है.
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank of India) ने कहा कि उसने विभिन्न परिपक्वता अवधि के कर्ज पर कोष की सीमान्त लागत (एमसीएलआर) आधारित ब्याज दर में 0.10 प्रतिशत की कमी है. बैंक ने कहा कि उसने सभी परिपक्वता अवधि के लिए एमसीएलआर आधारित दर में 0.10 प्रतिशत की कटौती की है. नई दरें 11 जनवरी (शनिवार) 2020 से लागू होंगी. एक वर्ष की अवधि के कर्ज के लिए एमसीएलआर दर 8.10 प्रतिशत होगी.
बैंक ने कहा कि जुलाई 2019 के बाद से बयाज दर में यह लगातार नौवीं कटौती है.
बैंक ऑफ बड़ौदा ने शेयर बाजार को बताया कि वह रविवार से एक महीने की अवधि के लिये अपनी एमसीएलआर दर को 7.65 प्रतिशत से घटाकर 7.60 प्रतिशत करेगा. बैंक ने कहा कि अन्य परिपक्वता अवधि के ऋण की दरें पहले की ही तरह रहेंगी.
HDFC ने भी घटाईं ब्याज दरें
यूनियन बैंक से पहले HDFC ने होम लोन की ब्याज दरें घटाने का ऐलान किया है. कंपनी ने होम लोन की ब्याज दरों 0.05 फीसदी तक कटौती की है. HDFC ने हाउसिंग लोन पर रिटेल प्राइम लेंडिंग रेट (आरपीएलआर) को कम कर दिया है. इसके बाद एडजस्टेबल रेट होम लोन (ARHL) 0.05 फीसदी कम हो गया है. ये नई दरें 6 जनवरी से लागू होंगी. HDFC की नई दरें 8.20 फीसदी से नौ फीसदी के दायरे में रहेंगी. वहीं बैंक का यह फैसला नए और पुराने दोनों तरह के ग्राहकों के लिए लागू होगा.
ज़ी बिज़नेस LIVE TV देखें:
एसबीआई ने की थी शुरुआत
स्टेट बैंक ने पहली जनवरी से एक्सटर्नल बेंचमार्क बेस्ड रेट (EBR) में कटौती करने का ऐलान किया था. इस कटौती के बाद यह 8.05 फीसदी से घटकर 7.80 फीसदी पर आ गई. एसबीआई ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (MSME), हाउसिंग और रिटेल लोन के फ्लोटिंग रेट को ईबीआर से जोड़ने का फैसला किया था. इससे उन लोगों को फायदा होगा, जिन्होंने घर या गाड़ी के लिए लोन लिया हुआ है. एसबीआई के इस कदम से हर महीने दी जाने वाली किस्त में कमी आई है.