SOVA Virus: बैंक फ्रॉड से जुड़ी कई तरह की घटनाएं आए दिन सुनने को मिलती है. जहां भोले-भाले लोगों की मेहनत की कमाई में फ्रॉड करने वाले सेंध लगा देते हैं. इनमें से कई सारी फ्रॉड की घटनाओं को फर्जी लिंक की सहायता से अंजाम दिया जाता है. ऐसे में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (UBI) ने ऐसे ही एक फर्जीवाड़े को लेकर कस्टमर्स को अलर्ट किया है, जहां लोगों को एक लिंक भेजकर ऐप इंस्टॉल करने को कहा जाता है. लेकिन वास्तव में एक खतरनाक वायरस होता है, जो आपके अकाउंट में सेंध लगाने का काम करता है. आइए जानते है कि कितना खतरनाक है ये SOVA वायरस और कैसे इससे बचाव हो सकता है.

क्या है सोवा वायरस

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (UBI) ने बताया कि सोवा वायरस (SOVA Virus) एक एंड्रॉयड बैंकिंग ट्रोजन मालवेयर है, जो बैंकिंग ऐप्स को ही टार्गेट करता है. इस मालवेयर के जरिए आपके पर्सनल बैंकिंग इंफॉर्मेशन को चुराया जाता है. अगर आपके सिस्टम में यह मालवेयर आ गया, तो आप जब अपने बैंकिंग ऐप में लॉग इन करेंगे तो यह आपके क्रेडेंशियल चुरा लेता है. यह मैलवेयर स्वयं को नकली एंड्रॉइड एप्लिकेशन के अंदर छिपा लेता है, जो अमेजन और गूगल क्रोम जैसे एप्लिकेशन के लोगो (LOGO) को प्रदर्शित करता है, जिससे यूजर्स को धोखा हो जाता है.

क्या है SOVA वायरस के खतरे

  • नेट बैंकिंग ऐप की जानकारी प्राप्त करना और बैंक खातों को एक्सेस करना
  • टू-फैक्टर वेरिफिकेशन कोड को रोकना
  • कूकीज चुराना
  • कीस्ट्रोक की जानकारी कैप्चर करना
  • स्क्रीनशॉट लेना
  • वीडियो रिकॉर्ड करना
  • स्क्रीन क्लिक, स्वाइप आदि जैसे संकेतों का निष्पादन करना
  • यह सब फाइनेंस फ्रॉड का कारण बन सकता है

कैसे बचें सोवा वारस के खतरों से

  • केवल ऑफिशियल वेबसाइट या अधिकृत ऐप स्टोर से ही एप्लिकेशन डाउनलोड करें
  • एप्लिकेशन इंस्टॉल करते समय किसी भी अनुमति को देने के पहले सावधान रहें
  • उन ऐप्स को डाउनलोड करने से पहले सावधान हो जाएं, जिनके ऑफिशियल होने पर संदेह हो
  • मैसेज या सोशल मीडिया पर मिले विज्ञापनों में मौजूद लिंक का इस्तेमाल कर कोई ऐप डाउनलोड न करें
  • किसी भी ऐप को इंस्टॉल करने से पहले यूजर्स के रिस्पॉन्स को ध्यान से पढ़ें