Top 50 NPA Account holders in India: देश में किन बड़े बकाएदारों का बैंकों पर कितना NPA है, इसे लेकर सरकार ने एक लिस्ट जारी की है, जिसके अनुसार 50 टॉप बकाएदारों ने मिलकर देश के बैंकों पर 92 हजार करोड़ रुपये से अधिक का NPA लगाया है. केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि इन 50 NPA अकाउंट का बैंकों पर 92,570 करोड़ रुपये का बकाया है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि 2018 से लेकर 2022 तक बैंकों के NPA में लगातार गिरावट दर्ज की गई और 31 मार्च, 2022 तक बैंकों के पास 5,40,958 करोड़ रुपये का NPA है. 

ये हैं देश के टॉप 10 NPA अकाउंट होल्डर्स

  • गीतांजली जेम्स लिमिटेड - ₹ 7,848 करोड़
  • ईरा इन्फ्रा इंजीनियरिंग लिमिटेड - ₹5,879 करोड़
  • रियो एग्रो लिमिटेड - ₹4,803 करोड़
  • कॉनकास्ट स्टील एंड पॉवर लिमिटेड - ₹4,596 करोड़
  • एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड - ₹3,708 करोड़
  • फ्रॉस्ट इंटरनेशनल लिमिटेड - ₹3,311 करोड़
  • विनसम डायमंड्स एंड ज्वेलरी लिमिटेड - ₹2,931 करोड़
  • रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड - ₹2,893 करोड़
  • कॉस्टल प्रोजेक्ट्स लिमिटेड - ₹2,311 करोड़
  • जून डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड - ₹2,147 करोड़

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पांच साल में बट्टे खाते में गए 10 लाख करोड़ के कर्ज

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने सोमवार को लोकसभा में कहा कि पिछले पांच वित्त वर्षों में शेड्यूल कॉमर्शियल बैंकों ने 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज को बट्टे खाते में डाल दिया है. हालांकि इन बकायेदारों से वसूली की प्रक्रिया जारी है. उन्होंने बताया कि NPA वाले खातों से वसूली और बट्टे खाते में डालना एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है. उन्होंने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, सरकारी बैंकों ने पिछले पांच वित्त वर्ष में 4,80,111 करोड़ रुपये की वसूली की जिनमें बट्टे खाते में डाले गए 1,03,045 करोड़ रुपये का कर्ज भी शामिल है.

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सरकारी बैंकों द्वारा बट्टे खाते डाले गए NPA की डीटेल्स

लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान सीतारमण ने कहा कि RBI से मिली जानकारी के मुताबिक, बैंकों ने पिछले पांच साल में 10,09,511 करोड़ रुपये बट्टे खाते में डाले हैं. उन्होंने बताया कि कर्ज को बट्टे खाते में डालने से बकाएदारों को कोई फायदा नहीं मिलता है औ बट्टा खाते में डाले जाने के बाद भी वसूली की प्रक्रिया जारी रहती है.