Time Deposit Vs Bank FD: निवेश पर जबरदस्त रिटर्न कमाना है तो इन स्कीम्स में लगाएं पैसा, बढ़ती जाएगी कमाई
Time Deposit Vs Bank FD: अगर आप भी FD में निवेश की तैयारी करने जा रहे हैं, तो आपको इससे पहले पोस्ट ऑफिस के नेशनल सेविंग्स टाइम डिपॉजिट अकाउंट सहित इन बैंकों के इंटरेस्ट के बारे में जरूर जानना चाहिए.
Time Deposit Vs Bank FD: केंद्र सरकार (Central Government) ने हाल ही में टाइम डिपॉजिट स्कीम के इंटरेस्ट रेट में इजाफा किया है. Time Deposit स्कीम में 1 से 5 साल तक की अवधि के लिए 6.6 से 7% तक का ब्याज दिया जा रहा है. टाइम डिपॉजिट स्कीम से पहले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), ICICI , HDFC, पंजाब नेशनल बैंक (PNB) और बैंक ऑफ बड़ौदा ने हाल ही में फिक्स्ड डिपॉजिट यानी FD के इंटरेस्ट रेट में इजाफा किया है. अगर आप भी FD में निवेश की तैयारी करने जा रहे हैं, तो आपको इससे पहले पोस्ट ऑफिस के नेशनल सेविंग्स टाइम डिपॉजिट अकाउंट सहित इन बैंकों के इंटरेस्ट के बारे में जरूर जानना चाहिए. आइए जानते हैं फिक्स्ड डिपॉजिट की ब्याज दर और टाइम डिपॉजिट के बारे में.
नेशनल सेविंग्स Time Deposit अकाउंट पर मिल रहा है इतना रिटर्न
इस FD में आप एक तय अवधि के लिए निवेश करेक निश्चित रिटर्न पा सकते हैं. टाइम डिपॉजिट अकाउंट में 1 से 5 साल की अवधि के लिए 6.6% से 7% तक का ब्याज दर मिल रहा है. इसमें आप 1000 रुपए का मिनिमम निवेश कर सकते हैं, जहां मैक्सीमम लिमिट कोई नहीं है. इसे कैश या चेक के माध्यम से कोई भी व्यक्ति खुलवा सकता है. इस स्कीम में मिलने वाला ब्याज टैक्सेबल होता है, जिसने इसमें निवेश किया है, उसकी सालाना आय में ये ब्याज जुड़ता है.
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कहां मिलेगा कितना ब्याज?
अवधि | टाइम डिपॉजिट | SBI | PNB | HDFC | ICICI | BOB | |
1 साल | 6.6% | 6.75% | 6.30% | 6.50% | 6.60% | 6.75% | |
2 साल | 6.8% | 6.75% | 6.30% | 7.00% | 7.00% | 6.75% | |
3 साल | 6.9% | 6.25% | 6.25% | 7.00% | 7.00% | 6.75% | |
5 साल | 7.0% | 6.25% | 6.50% | 7.00% | 7.00% | 6.25% |
FD से मिलने वाले ब्याज पर भी देना होता है टैक्स
FD पर जो ब्याज आपको मिलता है, वो पूरी तरह से टैक्स फ्री होता है. आप एक साल में FD पर जो भी ब्याज कमाते हैं, वो आपकी एनुअल इनकम में जुड़ता है. एनुअल इनकम के आधार पर, आपको Tax Slab निर्धारित किया जाता है. क्योंकि FD पर अर्जित इंटरेस्ट इनकम को 'इनकम फ्रॉम अदर सोर्सेज' माना जाता है. इसलिए इसे टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स या TDS के तहत चार्ज किया जाता है.