बैंकिंग शेयरों में आज इस वजह से आई गिरावट, सबसे कमजोर रहा ये बैंक
stock market: सरकारी बैंक में पीएनबी के शेयर में सबसे ज्यादा गिरावट देखी जा रही है. पीएनबी ने अब तक 25000 करोड़ रुपये के लोन डिफॉल्ट घोषित किए हैं. बैंक ने यह जानकारी आरबीआई को सौंपी है.
शेयर बाजार में आज बैंकिंग शेयरों में बिकवाली का रुख देखने को मिला. खासकर पीएनबी, येस बैंक, इंडसइंड बैंक और जम्मू एंड कश्मीर बैंक के शेयरों में गिरावट देखने को मिल रही है. बैंकिंग शेयर में गिरावट को लेकर जी बिजनेस की रिसर्च एनालिस्ट पूजा त्रिपाठी कहती हैं कि सरकारी बैंक में पीएनबी के शेयर में सबसे ज्यादा गिरावट देखी जा रही है. पीएनबी ने अब तक 25000 करोड़ रुपये के लोन डिफॉल्ट घोषित किए हैं. बैंक ने यह जानकारी आरबीआई को सौंपी है.
बैंक ने आरबीआई को कई पुराने डिफॉल्ट की जानकारी दी है. इसमें नीरव मोदी का 14000 करोड़ रुपये का लेन-देन भी शामिल है. हालांकि बैंक का कहना है कि 30000 करोड़ रुपये की रिकवरी का लक्ष्य है, लेकिन यह राशि चिंताजनक बात है. चौथी तिमाही के बाद का अगर ट्रेंड देखें तो पीएनबी के लिए स्थिति चिंताजनक है. पिछले दो साल से बैंक घाटे में है. तिमाही दर तिमाही बैंक की पूंजी कम हुई है. आरबीआई की गाइडलाइन के मुताबिक, मार्च 2020 तक बैंक को पूंजी के वर्तमान 6.2 प्रतिशत सीईटी 1 कैपिटल के प्रतिथत को बढ़ाकर 8 प्रतिशत पर लाना होगा. वित्त वर्ष 2019 में ही तीन बार पीएनबी में पूंजी निवेश हो चुका है. यह राशि करीब 12000 करोड़ रुपये है. लेकिन इसमें कोई ज्यादा सुधार नहीं देखा गया.
निजी बैंकों में येस बैंक को लेकर दो ब्रोकरेज हाउस की रिपोर्ट आई हैं. येस बैंक को मूडीज ने डाउनग्रेड रेटिंग वाली सूची में डाल दिया है. मूडीज का कहना है कि बैंक के लिए आने वाले समय में पूंजी जुटाने का खतरा दिख रहा है. बैंक की 7000 करोड़ रुपये की पूंजी जुटाने की योजना है. बैंक के सामने आने वाले समय में नए एनपीए के बनने का भी खतरा बना रहेगा. यूबीएस ने भी इसके शेयर में बिकवाली की सलाह दी थी और लक्ष्य भी घटा दिया है.
इंडसइंड बैंक को लेकर भी नकारात्मक रिपोर्ट ही आई है. यूबीएस ने इसे भी डाउनग्रेड कर दिया गया है. उनका कहना है कि क्रेडिट कॉस्ट बढ़ने की आशंका है. जम्मू एंड कश्मीर बैंक में करीब सात प्रतिशत की गिरावट देखने को मिल रही है. आरबीआई ने कॉर्पोरेट गवर्नेंस का मुद्दा इसके सामने खड़ा कर दिया है. सीएमडी को हटाने के बाद से अब तक पांच दिनों में करीब इस शेयर में 32 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है.