बुढापे में पैसा ही सबसे बड़ा सहारा माना जाता है. अगर आप भी अपने बुढ़ापे को सिक्‍योर करना चाहते हैं तो यहां हम आपको बताने जा रहे हैं ऐसी डिपॉजिट स्‍कीम के बारे में जिसमें आप एकमुश्‍त पैसा जमा करने के बाद हर महीने फिक्‍स इनकम प्राप्‍त कर सकते हैं. हम बात कर रहे हैं,  SBI एन्युटी डिपॉजिट स्कीम (SBI Annuity Deposit Scheme) के बारे में. एसबीआई की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक SBI एन्युटी डिपॉजिट स्कीम में आपको एकमुश्‍त रकम को जमा करना पड़ता है और जमाकर्ता को हर महीने प्रिंसिपल अमाउंट के साथ ब्याज दिया जाता है. ये ब्याज बैंक के टर्म डिपॉजिट यानी एफडी के बराबर ही होता है. ब्‍याज अकाउंट में बची रकम पर हर तिमाही कम्‍पाउंडिंग पर कैलकुलेट किया जाता है. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कितनी साल के लिए जमा होती है रकम

एसबीआई की इस स्‍कीम में 36, 60, 84 या 120 महीने के लिए रकम जमा की जा सकती है. इसके लिए आप एसबीआई की किसी भी ब्रांच में जा सकते हैं. इसमें आप अपनी मर्जी के हिसाब से रकम जमा कर सकते हैं, यानी मैक्सिमम डिपॉजिट की कोई लिमिट नहीं है. रकम को जमा करने के बाद आपको एक यूनिवर्सल पासबुक जारी की जाती है.

मिनिमम एन्‍युटी 1000 रुपए महीना

SBI Annuity Deposit Scheme में मिनिमम एन्यूटी 1000 रुपए मासिक है. कोई भी भारतीय नागरिक इस अकाउंट को खुलवाकर इसका लाभ ले सकता है. एन्‍युटी का भुगतान जमा राशि के हिसाब से तय होता है. डिपॉजिट होने के अगले महीने निर्धारित तारीख से एन्‍युटी मिलने लगती है.

सिंगल या ज्‍वाइंट खुलवा सकते हैं अकाउंट 

एसबीआई एन्‍युटी डिपॉजिट स्‍कीम के तहत आप सिंगल और जॉइंट दोनों तरह से अकाउंट खुलवा सकते हैं. एन्‍युटी का भुगतान टीडीएस काटकर लिंक्ड सेविंग्‍स अकाउंट या करंट अकाउंट में क्रेडिट कर दिया जाता है. इसमें आम कस्‍टमर और सीनियर सिटीजन को टर्म डिपॉजिट के आधार पर ही ब्‍याज दिया जाता है. एसबीआई आम कस्‍टमर्स के मुकाबले सीनियर सिटीजन को 0.50 फीसदी ज्‍यादा ब्‍याज देता है. खास मामलों में एन्युटी की बैलेंस राशि के 75 फीसदी तक का ओवरड्राफ्ट या लोन मिल सकता है. लोन/ओवरड्राफ्ट लेने के बाद एन्यूटी पेमेंट लोन अकाउंट में क्रेडिट होगा.

जमाकर्ता की मृत्‍यु होने पर

एसबीआई की वेबसाइट के मुताबिक इसमें नॉमिनेशन की सुविधा केवल इंडीविजुअल व्यक्ति के लिए उपलब्ध है. जमाकर्ता की मृत्यु की होने पर स्‍कीम को समय से पहले बंद किया जा सकता है. 15 लाख रुपए तक की जमा पर प्रीमैच्योर पेमेंट की इजजात है. लेकिन इसमें पेनल्टी चार्ज लिया जा सकता है. ये टर्म डिपॉजिट के मुताबिक लागू होता है. जमाकर्ता की मौत की स्थिति में, बिना किसी सीमा के प्रीमैच्योर पेमेंट किया जा सकता है.