देश का सबसे बड़ा बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया जल्द ही अपने नियमों में बदलाव करने जा रहा है. बैंक अपने एटीएम से पैसा निकालने के नियमों में बड़ा बदलाव करेगा. बदलाव के बाद एटीएम ट्रांजेक्शन को आसानी से हैक नहीं किया जा सकेगा. साथ ही एटीएम से जुड़े फ्रॉड रोकने में भी मदद मिलेगी.

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बैंक की तरफ से सुरक्षित ट्रांजेक्शन के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. SBI जल्द ही अपने ग्राहकों के लिए 10 हजार रुपए से ज्यादा की ट्रांजेक्शन पर ओटीपी बेस्ड सर्विस को लागू कर देगा. मतलब यह कि ज्यादा कैश निकालने के लिए ओटीपी एंटर करना जरूरी हो जाएगा. SBI के मुताबिक, एटीएम ट्रांजेक्शन पर OTP से फ्रॉड रोकने में मदद मिलेगी. बिना ओटीपी कैश नहीं निकलेगा.

क्या होगा बदलाव?

सुरक्षित ट्रांजेक्शन के लिए ओटीपी का इस्तेमाल होगा. इसमें एटीएम कार्ड डालने के बाद पिन एंटर करना होगा. लेकिन, अमाउंट डालने के बाद अगर यह राशि 10 हजार रुपए से ज्यादा होगी तो आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी भेजा जाएगा. ओटीपी डालने के बाद ही एटीएम से कैश निकलेगा.

क्यों की जा रहा है व्यवस्था?

स्टेट बैंक अपने ग्राहकों को एटीएम से होने वाले फ्रॉड से बचाने के लिए ऐसा कर रहा है. अगर यह प्लान सफल रहता है तो छोटे ट्रांजेक्शन पर भी ओटीपी सर्विस को लागू किया जा सकता है. केनरा बैंक ने 10 हजार रुपए से ज्यादा की निकासी पर ओटीपी सर्विस शुरू कर दी है. एटीएम फ्राड को रोकने के लिए देश के कई बैक ओटीपी सर्विस शुरू करने वाले हैं.

एटीएम मैकेनिज्म में करना होगा बदलाव

बैंकों की तरफ से एटीएम ट्रांजेक्शन के लिए ओटीपी सर्विस शुरू करने से फ्रॉड तो रुकेंगे लेकिन, बैंकों को इसके लिए अपने एटीएम के मैकेनिज्म में भी बदलाव करना होगा. जब आप अपना पिन दर्ज करें तो उसके साथ ही आपके मोबाइल पर एक ओटीपी आएगा. इस ओटीपी को एटीएम में एंटर करने के बाद ही आपका ट्राजेक्शन पूरा होगा. इसके अलावा 2020 तक एसबीआई का टार्गेट कार्ड मुक्त ट्रांजेक्शन शुरू करने का भी है.