तकनीक जितनी सुविधा प्रदान करती है, उतना ही वह परेशान भी कर सकती है. महज एक क्लिक भर से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में गड़बड़ी हो सकती है. अब अगर आपका डिजिटल ट्रांजेक्शन फेल हो जाता है. आपके द्वारा पैसा किसी गलत खाते में चला जाता है तो आप काफी परेशान हो जाते हैं. मन में कई सवाल तैरने लगते हैं. आपकी इसी परेशानी को ध्यान में रखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ने बड़ा फैसला किया है.

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अलग से बनेगा ओम्बड्समैन

डिजिटल लेन-देन के दौरान होने वाली गड़बड़ियों और गलत ट्रांजेक्शन से जुड़ी शिकायत के निपटारे के लिए रिजर्व बैंक ने अलग से ओम्बड्समैन बनाने का फैसला किया है. ग्राहकों को अभी हालांकि इस सुविधा के लिए थोड़ा इंतजार करना होगा. केंद्रीय बैंक ने कहा है कि देश में डिजिटल ट्रांजेक्शन के जरिये पैसों का लेनदेन बढ़ रहा है. ऐसे में ऐसे माध्यम में लोगों का भरोसा मजबूत करने के लिए एक शिकायत के जल्द निपटारे की व्यवस्था बनाना जरूरी है.

शिकायत प्रक्रिया मुफ्त रखने की तैयारी

भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि डिजिटल लेन-देन से जुड़ी शिकायत की यह व्यवस्था अलग तो होनी ही चाहिए, साथ में इसके लिए किसी प्रकार के शुल्क का भी कोई प्रावधान नहीं होना चाहिए. यह विशेष ओम्बड्समैन आरबीआई के अधिकार क्षेत्र में आने वाली संस्थाओं की सेवाओं से जुड़ी शिकायतों का निपटारा करेगा. 

रिजर्व बैंक ने कहा है कि डिजिटल ट्रांजेक्शन करने संबंधी अधिसूचना जनवरी 2019 के अंत तक जारी कर दी जाएगी. इकानोमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक, वर्ष 2006 की आरबीआई की बैंकिंग ओम्बड्समैन योजना के मुताबिक, ऐसी कई शर्तें हैं, जिनके आधार पर कोई ग्राहक ओम्बड्समैन से शिकायत कर सकते हैं. आरबीआई का चीफ जनरल मैनेजर या जनरल मैनेजर रैंक का अधिकारी ओम्बड्समैन होता है. डिजिटल ट्रांजेक्शन के लिए भी इसी रैंक के अधिकारियों को नियुक्त करने की योजना है.