देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of Inda) ने जीरो बैलेंस खातों को लेकर अपने नियमों में कुछ बदलाव किए हैं. एसबीआई ने अब इस तरह के खातों पर दी जाने वाली सुविधाओं को और बढ़ा दिया है. भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) की गाइडलाइंस के मुताबिक, एसबीआई (SBI) ने बदलाव किए हैं. नई सुविधाएं लेने के लिए ग्राहकों को केवाईसी (Know Your Customer) के नियम पूरे करने होंगे. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बता दें कि जीरो बैलेंस खातों को बेसिक सेविंग्स बैंक डिपोजिट अकाउंट (BSBD Account) कहते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पिछले कार्यकाल में गरीब वर्ग के लोगों को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ने के लिए जीरो बैलेंस खातों की शुरूआत की थी. इस तरह के खातों को किसी भी सरकारी बैंक में खोला जा सकता है. सरकारी बैंकों के बाद प्राइवेट बैंकों ने भी जीरो बैलेंस खाता खोलना शुरू कर दिया था. 

जीरो बैलेंस खातों पर अभी तक डेबिट कार्ड (Debit Card) की सुविधा मिलती थी, लेकिन अब एसबीआई ने इन सुविधाओं में इजाफा किया है. जीरो बैलेंस खाताधारक को डेबिट कार्ड तो मिलेगा ही साथ ही इंटरनेंट बैंकिंग (Internet Banking) भी सुविधा मिलेगी. डेबिट कार्ड से महीने में 4 बार बिना किसी चार्ज के कैश निकालने की भी सुविधा मिलेगी. 

 

देखें ज़ी बिजनेस लाइव टीवी

इन सहूलियतों के लिए जीरो बैलेंस अकाउंड होल्डर का अपने खाते में मिनिमम या मैक्सिमम बैलेंस रखने की जरूरत नहीं है. इसमें अन्य सेविंग अकाउंट की तरह की ब्याज मिलता है.