भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने कहा है कि बैंक एसबीआई जनरल इंश्योरेंस और एसबीआई पेमेंट जैसी अनुषंगी कंपनियों का मौद्रीकरण करने से पहले उनके कारोबार को और बढ़ाएगा. इन अनुषंगी कंपनियों का परिचालन बढ़ने से मूल्यांकन बढ़ेगा और एसबीआई को बेहतर प्रतिफल मिल सकेगा. 

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उन्होंने पीटीआई-भाषा को एक साक्षात्कार में बताया कि जहां तक अनुषंगी कंपनियों की बात है, तो उनका मौद्रीकरण पूंजी बाजार के जरिये होगा. उन्होंने कहा, ‘‘इस रास्ते पर आगे बढ़ने के लिए पात्र अनुषंगी कंपनियों में निश्चित रूप से एसबीआई जनरल है और कुछ हद तक एसबीआई पेमेंट सर्विसेज भी हो सकती हैं. लेकिन, फिलहाल हमारे पास ऐसी कोई योजना नहीं है.’’ 

खारा ने कहा, ‘‘शायद, हम उन्हें थोड़ा और बढ़ाना चाहेंगे. उसके बाद ही हम इन कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी का मौद्रीकरण करने के लिए पूंजी बाजार में जाने की सोचेंगे. लेकिन, चालू वित्त वर्ष में ऐसा नहीं होगा.’’ बैंक ने एसबीआई जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड में वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान 489.67 करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी डाली थी. 

कंपनी ने कर्मचारियों को ईएसओपी भी आवंटित किया है, जिसके चलते बैंक की हिस्सेदारी 69.95 प्रतिशत से घटकर 69.11 प्रतिशत हो गई है. वित्त वर्ष 2023-24 में एसबीआई जनरल इंश्योरेंस का शुद्ध लाभ 30.4 प्रतिशत बढ़कर 240 करोड़ रुपये हो गया. एसबीआई पेमेंट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड में 74 प्रतिशत हिस्सेदारी एसबीआई के पास है. 

बाकी हिस्सा हिताची पेमेंट सर्विसेज के पास है. खारा ने यह भी कहा कि कॉरपोरेट क्षेत्र से ऋण की मांग बढ़ रही है और 5,000 अरब रुपये के ऋण मंजूरी के विभिन्न चरणों में हैं. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों के विपरीत, कॉरपोरेट ने अब कार्यशील पूंजी जरूरतों और क्षमता विस्तार के लिए ऋण की तलाश शुरू कर दी है.