जब हम निवेश करना शुरू करना शुरू करते हैं तो हमारी शुरुआती सोच ऐसी होती है कि निवेश ऐसा हो जो सेफ हो, अच्छा रिटर्न मिले और उसपर टैक्स छूट मिल जाए तो बात ही क्या. जब इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने से पहले टैक्स सेविंग की बात आती है तो फिर लगता है कि कहां-कहां से टैक्स बचा लें, ऐसे में अगर पहले से सही निवेश के एवेन्यू चुने जाएं तो वक्त पर सही रिटर्न भी मिल जाता है और हम टैक्स भी बचा पाते हैं. ऐसी ही स्कीम है सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की- SBI Tax Saving Scheme, 2006. आइए जानते हैं इसके बारे में और इससे आपको कैसे फायदा होता है.

क्या है SBI Tax Saving Scheme, 2006?

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एसबीआई ग्राहकों के लिए इस स्कीम के तहत टर्म डिपॉजिट या स्पेशल टर्म डिपॉजिट में निवेश करने का विकल्प देता है. इसपर बैंक की ओर से टर्म डिपॉजिट पर दिए जा रहे इंटरेस्ट रेट के मुताबिक, ब्याज मिलता है. इस स्कीम के तहत आप अपने टर्म डिपॉजिट्स पर न्यूनतम पांच साल और अधिकतम 10 साल के टर्म डिपॉजिट में निवेश कर सकते हैं. अभी एसबीआई पांच से 10 साल के डिपॉजिट पर सामान्य श्रेणी के ग्राहकों को 6.50% की दर से ब्याज मिलता है. सीनियर सिटीजंस को 7.50% की दर से रिटर्न मिलता है.

कंपाउंड इंटरेस्ट का फायदा

इस स्कीम में आपको कंपाउंड इंटरेस्ट का फायदा मिलता है, यानी आपको ब्याज पर ब्याज मिलता है. हर तिमाही पर आपके कुल अमाउंट पर कंपाउंड इंटरेस्ट कैलकुलेट किया जाता है.

Calculation

जैसे कि आप इस स्कीम में 5 सालों के लिए 6 लाख रुपये का निवेश करते हैं और 6.6% की दर से आपको रिटर्न मिलता है तो आपके निवेश का मैच्योरिटी वैल्यू 8,32,336 रुपये होगा, इंटरेस्ट वैल्यू यानी ब्याज से कुल कमाई 2,32,336 रुपये होगी.

कैसे मिलती है टैक्स छूट?

हालांकि, आपको टैक्स छूट पाने के लिए न्यूनतम पांच साल और अधिकतम 10 साल के टर्म डिपॉजिट में निवेश करना होगा. इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C में इसपर छूट का प्रावधान दिया गया है और आप साल में डेढ़ लाख तक की टैक्स छूट ले सकते हैं. इस स्कीम में टैक्स छूट पाने के लिए आपको कम से कम पांच सालों तक डिपॉजिट रखना होगा, टैक्स सेविंग के लिए ये 5 सालों के लॉक इन पीरियड के साथ आती है.