देश का सबसे बड़ा बैंक भारतीय स्टेट बैंक ग्राहकों को अपना सैलरी अकाउंट भी खोलने की सुविधा देता है. बैंक ने इसे सैलरी पैकेज खाता नाम दिया है. यह खाता सुविधा वेतनभोगी ग्राहकों को प्रदान की जाती है. यह एक जीरो बैलेंस अकाउंट है यानी इस खाते में वेतनभोगी को औसत न्यूनतम मासिक बैलेंस बनाए रखने की जरूरत नहीं होती. एसबीआई की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, ग्राहकों को वेतन खाते के साथ एटीएम-सह डेबिट कार्ड और इंटरनेट बैंकिंग जैसी कई सुविधाएं मिलती हैं. इस खाते के लिए वेतनभोगी केंद्र सरकार, राज्य सरकार, रक्षा बलों, अर्धसैनिक बलों, पुलिस बलों, कॉरपोरेट्स/संस्थानों का कर्मचारी होना चाहिए.

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इन डॉक्यूमेंट की होती है जरूरत

एसबीआई के साथ एक सैलरी अकाउंट खोलने के लिए, योग्य ग्राहक को दो पासपोर्ट आकार की तस्वीरें, मानक खाता खोलने की प्रक्रिया के अनुसार पहचान और पते का प्रमाण, रोजगार का प्रमाण और नवीनतम सैलरी स्लिप होनी चाहिए. ज्वाइंट अकाउंट के लिए, दोनों आवेदकों को पहचान का प्रमाण और पते का प्रमाण देना जरूरी होता है. कर्मचारी के सकल मासिक वेतन या पद के स्तर के आधार पर अलग-अलग डेबिट कार्ड उपलब्ध हैं. एसबीआई की वेबसाइट के मुताबिक, इन वेरिएंट में अलग-अलग सुविधाएं हैं.

मौजूदा एसबीआई बचत खाते को भी बना सकते हैं सैलरी अकाउंट

अगर आपका पहले से एसबीआई में बचत खाता है और अब आप इसी खाते को सैलरी अकाउंट में बदलना चाहते हैं तो आप यह कर सकते हैं. एसबीआई की वेबसाइट के अनुसार, खाते को सैलरी अकाउंट में अपग्रेड करा सकते हैं. इसके लिए आपको संबंधित प्रमाण प्रस्तुत करना होता है. सभी सैलरी पैकेज ग्राहकों को एटीएम-सह डेबिट कार्ड नि:शुल्क जारी किए जाते हैं और सालाना रखरखाव शुल्क भी माफ कर दिया जाता है. एटीएम-सह-डेबिट कार्ड जारी करना सैलरी अकाउंट के प्रकार पर निर्भर करता है.

बीमा लाभ भी मिलता है मुफ्त

सैलरी अकाउंट वाले वेतनभोगी कर्मचारी को इसके बदले पूरक व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा (पीएआई) और वायु दुर्घटना बीमा (एएआई) कवर भी प्रदान किए जाते हैं. अधिकतम कवरेज राशि वेतन पैकेज खाते के प्रकार और प्रकार पर निर्भर करती है. एक खास बात का ध्यान रखना जरूरी है कि अगर लगातार तीन महीनों से अधिक समय तक खाते में पैसा जमा नहीं किया जाता है तो सैलरी अकाउंट से जुड़ी विशेष सुविधाएँ वापस ले ली जाती हैं और खाता फिर से सामान्य बचत खाते के रूप में माना जाता है. एसबीआई के अनुसार, ऐसे मामलों में सामान्य बचत खातों पर लागू होने वाले सभी शुल्क लगाए जाते हैं और लागू किए जाते हैं.

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एनपीएस और पीपीएफ सुविधा भी 

एसबीआई की इस सैलरी अकाउंट सुविधा के साथ राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) और सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) सुविधाएं भी उपलब्ध हैं. अगर वेतनभोगी नौकरी बदल लेता है तब भी वह एसबीआई के सैलरी अकाउंट से वेतन निकालना जारी रख सकता है. ऐसे मामले में, उसे मौजूदा बैंक विवरण के बारे में नियोक्ता को सूचित करना चाहिए, ताकि मासिक वेतन उसी खाते में क्रेडिट हो सके. वेतन भोगी को नौकरी बदलने की सूचना बैंक शाखा को भी देनी होगी.