देश के सबसे बड़े बैंक SBI को वित्त वर्ष 2018-19 की मार्च तिमाही में उम्‍मीद से कम मुनाफा हुआ है. इसका बड़ा कारण फंसा हुए कर्ज की रकम है. हालांकि, बैंक पिछली तिमाही के मुकाबले घाटे से मुनाफे में आया है. बैंक के नतीजे आने के बाद शेयर बाजार में उसके शेयर 2.3 फीसदी तक गिर गए. बैंक को समीक्षा अवधि में 838.4 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है जबकि पिछले साल की इसी अवधि में बैंक को 7,718 करोड़ का घाटा हुआ था. 

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ब्‍याज से आय 15% बढ़ी

वित्त वर्ष 2019 की चौथी तिमाही में SBI की ब्याज आय 14.9 फीसदी बढ़कर 22,954 करोड़ रुपये पर पहुंच गई है. वित्त वर्ष 2018 की चौथी तिमाही में SBI की ब्याज आय 19,974 करोड़ रुपये रही थी. 

ग्रॉस NPA भी घटा

तिमाही दर तिमाही आधार पर चौथी तिमाही में SBI का ग्रॉस एनपीए 8.71 फीसदी से घटकर 7.53 फीसदी रहा है. तिमाही आधार पर चौथी तिमाही में एसबीआई का नेट एनपीए 3.95 फीसदी से घटकर 3.01 फीसदी रहा है. रुपये में देखें तो तिमाही आधार पर चौथी तिमाही में बैंक का ग्रॉस एनपीए 1.88 लाख करोड़ रुपये से घटकर 1.72 लाख करोड़ रुपये रहा है जबकि नेट एनपीए 80,944 करोड़ रुपये से घटकर 65,895 करोड़ रुपये रहा है.

लोन ग्रोथ 6.7 फीसदी रही

तिमाही आधार पर चौथी तिमाही में SBI का प्रोविजन कवरेज रेश्यो 74.6 फीसदी से बढ़कर 78.73 फीसदी रहा है. तिमाही आधार पर बैंक की लोन ग्रोथ 6.7 फीसदी रही है जबकि सालाना आधार पर चौथी तिमाही में एसबीआई का लोन ग्रोथ 13 फीसदी रहा था.

ओपरेटिंग मुनाफा 16933 करोड़ रुपये हुआ

सालाना आधार पर बैंक का ओपरेटिंग मुनाफा 15883 करोड़ रुपये से बढ़कर 16933 करोड़ रुपये रहा है. तिमाही आधार पर चौथी तिमाही में एसबीआई की प्रोविजनिंग 13,971 करोड़ रुपये से बढ़कर 17,336 करोड़ रुपये रही है जबकि पिछले साल की चौथी तिमाही में SBI की प्रोविजनिंग 24,080 करोड़ रुपये रही थी.

एजेंसी इनपुट के साथ