सार्वजनिक क्षेत्र के भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने निष्क्रिय खातों (Dormant Accounts) को सक्रिय करने के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया है. बैंक ने शनिवार को कहा कि बचत या चालू खाते को तब निष्क्रिय माना जाता है, जब ग्राहक ने दो साल से अधिक समय तक खाते में कोई लेन-देन नहीं किया हो. 

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एसबीआई ने एक बयान में कहा कि इन खातों को सक्रिय करने के लिए पुनः केवाईसी (अपने ग्राहक को जानो) प्रक्रिया की आवश्यकता होती है. खाते में नियमित लेन-देन की आवश्यकता और निष्क्रिय खातों की श्रेणी में आने से रोकना मुख्य संदेश है. 

एसबीआई के चेयरमैन सी एस शेट्टी ने पीएमजेडीवाई (प्रधानमंत्री जनधन योजना) खातों को सक्रिय स्थिति में बनाए रखने और ग्राहकों को निर्बाध रूप से लेन-देन करने में सक्षम बनाने के लिए पुनः केवाईसी प्रक्रिया को अक्षरशः लागू करने की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने बैंक प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे इस अंतर को पाटने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करें तथा अंतिम उपभोक्ता तक पहुंचें, जिससे ग्राहक अनुभव बेहतर हो.