SBI Lending Rate: देश के सबसे बड़े कर्जदाता भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने अपने सीमांत लागत आधारित ऋण दर में सभी टेन्योर में 0.10 फीसदी या 10 आधार अंकों की वृद्धि की है. बैंक के इस कदम से कस्टमर्स के EMI में वृद्धि होगी.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पिछले एक महीने में SBI ने ब्याज दरों में दूसरी बार इजाफा किया है. दो बार हुई लगातार वृद्धि के चलते ब्याज दरों में 0.2 फीसदी का इजाफा हो चुका है.

क्या है नई दरें

SBI की वेबसाइट के मुताबिक, MCLR पर संशोधित हुई दरें 15 मई से प्रभावित है. इस संशोधन के बाद एक साल की MCLR 7.10 फीसदी से बढ़ाकर 7.20 फीसदी हो गई है.

ओवरनाइट, एक महीने और तीन महीने की MCLR 10 आधार अंक बढ़कर 6.85 फीसदी हो गई, जबकि छह महीने की MCLR बढ़कर 7.15 फीसदी हो गई है.

ज्यादातर कर्ज एक साल     के MCLR रेट से जुड़े होते हैं. वहीं, दो साल की एमसीएलआर 0.1 फीसदी बढ़कर 7.40 फीसदी हो गई, जबकि तीन साल की एमसीएलआर बढ़कर 7.50 फीसदी हो गई.

Zee Business Hindi Live यहां देखें

 

एसबीआई द्वारा लेंडिंग रेट में संशोधन करने के बाद आने वाले दिनों में अन्य बैंक भी ब्याज दरों में इजाफा कर सकते हैं. इस वृद्धि के बाद उन कस्टमर्स की EMI महंगी हो जाएगी, जिन्होंने MCLR (मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट) पर ऋण लिया है. 

आरबीआई ने किया ब्याज दरों में इजाफा

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने यह कदम रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) द्वारा रेपो रेट में 0.40 फीसदी की बढ़ोतरी करने के बाद उठाया है. RBI ने इस महीने के शुरुआत में Repo Rate में 0.40 फीसदी और CRR में 0.50 फीसदी का इजाफा किया है.

आरबीआई (RBI) द्वारा दरों में संशोधन के बाद, कई बैंकों ने पहले ही ब्याज दरें बढ़ा दी हैं और आने वाले दिनों में कुछ और लागू होने की उम्मीद है.

एसबीआई की एक्सटर्नल बेंचमार्क आधारित उधार दर (EBLR) 6.65 प्रतिशत है, जबकि रेपो-लिंक्ड उधार दर (RLLR) 6.25 प्रतिशत है. यह दरें 1 अप्रैल से प्रभावी हैं.