SBI ने पेश की 2 शानदार डिपॉजिट स्कीम, बनाएगी 'हर घर लखपति'! सीनियर सिटीजन को भी मिलेगा तगड़ा ब्याज
SBI New Deposit Schemes: भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने अपने कस्टमर्स के लिए 2 नई डिपॉजिट स्कीम्स को लॉन्च किया है. इसमें 1 RD स्कीम 'हर घर लखपति' और FD स्कीम 'SBI पैट्रन्स' शामिल है.
SBI New Deposit Schemes: भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने अपने कस्टमर्स के लिए 2 नई डिपॉजिट स्कीम्स को लॉन्च किया है. इसमें 1 RD स्कीम 'हर घर लखपति' और FD स्कीम 'SBI पैट्रन्स' शामिल है.
क्या है हर घर लखपति स्कीम (SBI Har Ghar Lakhpati)?
वित्तीय सुरक्षा की व्यापक आकांक्षा को ध्यान में रखते हुए SBI ने एक बयान में कहा कि ‘हर घर लखपति’ एक पूर्व-गणना वाली आवर्ती जमा योजना है, जो ग्राहकों को 1,00,000 रुपये या इसके गुणकों में जमा करने में मदद करने के लिए तैयार की गई है. बैंक ने कहा कि यह उत्पाद वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने की प्रक्रिया को सरल बनाता है, जिससे ग्राहक प्रभावी ढंग से योजना बना सकते हैं और बचत कर सकते हैं.
क्या है SBI पैट्रन्स (SBI Patrons)?
इसके अलावा, बैंक ने 80 वर्ष और उससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष सावधि जमा योजना ‘SBI पैट्रन्स’ (SBI Patrons) भी पेश की. यह कई वरिष्ठ ग्राहकों के बैंक के साथ लंबे समय से चले आ रहे संबंधों को ध्यान में रखते हुए बढ़ी हुई ब्याज दरें प्रदान करता है. ‘SBI पैट्रन’ मौजूदा और नए सावधि जमा ग्राहकों, दोनों के लिए उपलब्ध है.
सीनियर सिटीजन को मिलेगा 0.1 फीसदी ज्यादा ब्याज
‘SBI पैट्रन्स’ जमाकर्ताओं को वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली ब्याज दर की तुलना में 0.1 प्रतिशत अधिक ब्याज मिलेगा, जबकि आवर्ती जमा योजना सावधि जमा पर दी जाने वाली दरों के समान होगी. फिलहाल, एक वर्ष से अधिक अवधि के लिए सावधि जमा दर 6.80 प्रतिशत, दो वर्ष से अधिक अवधि के लिए सात प्रतिशत, 3 वर्ष से अधिक और 5 वर्ष से कम अवधि के लिए 6.75 प्रतिशत तथा 5-10 वर्ष के लिए 6.5 प्रतिशत है.
आवर्ती जमा की न्यूनतम अवधि 12 महीने (एक वर्ष) तथा अधिकतम अवधि 120 महीने (10 वर्ष) है.
SBI की जमाराशि में लगभग 23 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी है. ये अभिनव पेशकश बैंक के नवाचार को प्राथमिकता देने और जमाराशि में अपने बाजार नेतृत्व को मजबूत करने के संकल्प को प्रदर्शित करती हैं.
SBI के चेयरमैन सी एस सेट्टी ने कहा, “हमारा उद्देश्य लक्ष्य-उन्मुख जमा उत्पाद बनाना है जो न केवल वित्तीय रिटर्न को बढ़ाए बल्कि हमारे ग्राहकों की आकांक्षाओं के अनुरूप भी हो. हम पारंपरिक बैंकिंग को और अधिक समावेशी और प्रभावशाली बनाने के लिए इसे फिर से परिभाषित कर रहे हैं.”
इस बीच, बैंक ने प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) के लिए एनआरई (गैर-निवासी बाहरी) और एनआरओ (गैर-निवासी साधारण) खाते खोलने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए टीएबी-आधारित एंड-टू-एंड डिजिटल ऑन-बोर्डिंग प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की है.
यह पहल SBI की भारत में शाखाओं और चुनिंदा विदेशी कार्यालयों में उपलब्ध कराई गई है, जिसमें खाता खोलने की दक्षता और सुविधा बढ़ाने के लिए डिजिटल उपकरणों का उपयोग किया गया है.