कई बार ग्राहकों की शिकायत रहती है कि रिजर्व बैंक तो ब्याज दर में कटौती करता है लेकिन उनकी ईएमआई में  कमी नहीं आती. ग्राहकों की इस शिकायत को दूर करने के लिए कई सरकारी बैंक रेपो रेट लिंक्ड प्रॉडक्ट्स ऑफर कर रहे हैं, जिसमें आरबीआई जितना ब्याज दरों में कटौती करेगा, उतनी ईएमआई ग्राहकों के लिए कम होगी. देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के होम लोन को रेपो रेट से लिंक्ड करने के बाद अब कई सरकारी बैंक भी यही राह अपना रहे हैं. 

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सिंडिकेट बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, इलाहाबाद बैंक भी अब रेपो रेट लिंक्ड प्रॉडक्ट लाएंगे. इसका फायदा रेपो रेट से जुड़े प्रॉडक्ट पर लोन लेने वालों को मिलेगा. क्योंकि एमसीएलआर से जुड़े लोन में बैंक दरें तुरंत नहीं घटातीं. सिंडिकेट बैंक ने ऐलान किया है कि 25 लाख रुपये से अधिक के सेविंग बैंक डिपॉजिट पर रेपो रेट लिंक्ड होगी. कस्टमर नए होम, कंज्यूमर और ऑटो लोन इसी तर्ज पर ले सकेंगे.

जून में एसबीआई ने लंबी अवधि के होम लोन को रेपो रेट से लिंक किया था.  बैंक अपने पुराने ग्राहकों को बिना किसी चार्ज के रेपो रेट में शिफ्ट होने का ऑफर दे रहा है. आरबीआई इस सालअब तक 1.10 प्रतिशत दरें घटा चुका है लेकिन बैंक ने ग्राहकों को सिर्फ आधे प्रतिशत का फायदा दिया है.

हालांकि रेपो रेट लिंक्ड प्रॉडक्ट से ग्राहकों को हमेशा फायदा ही नहीं होगा, बल्कि रेपो रेट बढ़ने से ईएमआई भी बढ़ जाएगी. हालांकि एक्सपर्ट का मानना है कि आने वाले दिनों में दरों में कटौती जारी रह सकती है. माना जा रहा है कि अब यह प्राइवेट बैंकों पर भी इस राह पर चलने का दबाव बढ़ेगा.