देश का सबसे बड़ा बैंक एसबीआई अपने फ्लोटिंग रेट लोन को एक्टर्नल बेंचमार्क के तौर पर 1 अक्टूबर 2019 से रेपो रेट से जोड़ने जा रहा है. कस्टमर को इस नए नियम से फायदा भी मिलने वाला है. नए नियम का असर आपके होम लोन, बिजनेस लोन और रिटेल लोन पर पड़ना तय है. रेपो रेट वह ब्याज दर है जिस पर रिजर्व बैंक कम समय के लिए कॉमर्शियल बैंकों को लोन देता है. ऐसे में अगर आप भी फ्लोटिंग रेट पर एसबीआई से लोन लेने वाले हैं तो आपके लिए यह समझना जरूरी है कि इसका आप पर कितना असर होगा और क्या बदलाव आएगा.

  • नए नियम के मुताबिक, सैलरी पाने वाले कस्टमर से एसबीआई 30 लाख रुपये तक के होम लोन पर कस्टमर से प्रीमियम का 0.15 प्रतिशत चार्ज करेगा. एसबीआई की वेबसाइट sbi.co.in के मुताबिक, इसका मतलब है कि होम लोन का रेट 8.20 प्रतिशत हो जाएगा.
  • सैलरी पाने वाले वैसे कस्टमर जिनका होम लोन 30 लाख से 75 लाख रुपये तक है उन्हें यह 0.40 प्रतिशत चार्ज देना होगा. उस हिसाब से इन कस्टमर के लिए होम लोन का रेट 8.45 प्रतिशत हो जाएगा. 
  • एसबीआई के मुाताबिक, लोन लेने वाली महिला कस्टमर को बैंक की तरफ से 5 बेसिक प्वाइंट की छूट मिलेगी. 
  • बैंक ने एमएसएमई सेक्टर को भी लोन देने के लिए एक्सटर्नल बेंचमार्क बेस्ड लोन देने का फैसला किया है. इससे मीडियम आकार की कंपनियों को भी इसी आधर पर लोन मिल सकेगा. इसका मकसद एमएसएमई सेक्टर को सपोर्ट करना है.

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  • भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों से रेट में कटौती का फायदा बैंक कस्टमर को भी ट्रांसफर करने के लिए कहा है. 
  • इस महीने की शुरुआत में रिजर्व बैंक ने कुछ खास तरह के लोन को 1 अक्टूबर से एक्सटर्नल बेंचमार्क आधारित ब्याज दर पर देने के निर्देश दिए हैं. 
  • भारतीय रिजर्व बैंक की अगली मोनटरी पॉलिसी की समीक्षा 4 अक्टूबर को होनी है. इसमें और कटौती की उम्मीद की जा रही है.