भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के चेयरमैन रजनीश कुमार (Rajnish Kumar) ने कहा है कि मौजूदा हालात में छोटे उद्योगों को खास सलाह दी है. उनका कहना है कि फिलहाल छोटे एवं मंझोली कंपनियों (MSME) को समझदारी से काम लेते हुए अधिक लोन लेने से बचना चाहिए. पीटीआई की खबर के मुताबिक, उन्होंने फिक्की (FICCI) लेडीज ऑर्गेनाइजेशन के एक खास कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये संबोधित करते हुए यह बात कही है. उन्होंने कहा कि यदि इन छोटी कंपनियों के साथ कोई पुरानी दिक्कत है तो उन्हें कम समय के लिए लोन लेने से बचना चाहिए.

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कुमार ने ‘रेस्कूइंग दी एमएसएमई सेक्टर पोस्ट कोविड-19’ विषय पर बोलते हुए कहा कि मौजूदा परिस्थितियों में सभी कंपनियों को चलाने के लिए अधिक पैसे की जरूरत होगी, जो बैंक मुहैया कराएंगे. लेकिन ऐसे में इन कंपनियों को समझदारी का इस्तेमाल करते हुए ज्यादा लोन से बचना चाहिए क्योंकि ऐसे हालात के बाद भी उन्हें कर्ज को चुकाना पड़ेगा ही और ऊपर से ब्याज भी लगेगा ही.

हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि यदि ऐसे मुश्किल समय में कंपनी को चलाने के लिए अधिक पैसे होने से अगले छह महीने से एक साल में कारोबार पटरी पर लौट जाए तो लोन उठाने में कोई दिक्कत नहीं है. एसबीआई चेयरमैन की तरफ से दी गई सलाह इन कंपनियों के लिए काफी मददगार हो सकती है. एमएसएमई के सामने बैंक लोन पहले से ही एक बड़ा मुद्दा है.

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इधर, हाल में भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) की तरफ से की गई अनाउंसमेंट को लेकर एसबीआई चेयरमैन ने कहा कि केंद्रीय बैंक की तरफ से की गई इस घोषणा में बाजार की उभरती स्थितियों को सही ठहराने की कोशिश की गई है. रिजर्व बैंक ने बैंकों के लिए जो टीएलटीआरओ 2.0 को लॉन्च किया है जो स्पष्ट रूप से एनबीएफसी (NBFC) और एमएफसी (MFC) को इस का फायदा पहुंचाएगा. बता दें, रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में और 0.25 प्रतिशत की कटौती का ऐलान किया है.