विश्लेषकों का मानना है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) इस वर्ष नीतिगत दरों में कोई बदलाव न करने का रुख कायम रख सकता है और वर्ष 2024 की शुरुआत में दरों में कटौती भी की जा सकती है. इस महीने की शुरुआत में आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने दरों में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला कर तमाम विश्लेषकों को चौंका दिया था. इस नीतिगत समीक्षा बैठक के हाल में जारी ब्योरे को देखते हुए विशेषज्ञों को लगता है कि महंगाई में नरमी आने के साथ दरों में कटौती भी शुरू हो जाएगी. 

लगातार छह बार रेपो रेट बढ़ाया गया

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केंद्रीय बैंक ने इस महीने की शुरुआत में पेश मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर रेपो को 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा था. इससे पहले, आरबीआई ने महंगाई को काबू में लाने के लिये पिछले साल मई से लेकर कुल छह बार में रेपो दर में 2.50 फीसदी की वृद्धि की थी. विदेशी ब्रोकरेज कंपनी एचएसबीसी के अर्थशास्त्रियों ने कहा, ‘‘हमारा अनुमान है कि आरबीआई 2023 में भी दरों में कोई परिवर्तन नहीं करेगा और मार्च 2024 में खत्म होने वाली तिमाही में दरों में 0.25 फीसदी की कटौती कर सकता है.’’ 

महंगाई अभी 5 फीसदी के ऊपर बनी रहेगी

इस बयान में कहा गया कि चार फीसदी महंगाई का लक्ष्य तो निकट भविष्य के लिए रखा ही नहीं गया है और आरबीआई इसे कमजोर वृद्धि की कीमत पर प्राप्त भी नहीं करना चाहेगा. 2023-24 में दरों में लंबे समय तक कोई बदलाव नहीं किए जाने का अनुमान है क्योंकि महंगाई पांच फीसदी से ऊपर ही बनी रहने वाली है. जापान की ब्रोकरेज कंपनी नोमुरा ने अनुमान जताया है कि अक्टूबर से दरों में कटौती हो सकती है.

 

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