Central Bank of India: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को PCA फ्रेमवर्क यानी प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन से बाहर निकालने का फैसला किया है. सेंट्रल बैंक को साल 2017 में पीसीए के दायरे में लाया गया था. बैंक ने रिजर्व बैंक को लिखित में भरोसा दिलाया कि वह सभी नियमों का पालन करेगा. वह मिनिमम रेगुलेटरी कैपिटल, नेट एनपीए और लेवरेज रेशियों को दायरे में रखेगा. सेंट्रल बैंक PCA के दायरे में लाए गए सभी बैंकों में आखिरी बचा हुआ था.

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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से जारी प्रेस रिलीज के मुताबिक, बोर्ड फॉर फाइनेंशियल सुपरविजन ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के प्रदर्शन का रिव्यू किया है. रिव्यू के दौरान यह पाया गया कि वित्त वर्ष 2021-22 में बैंक ने सभी नियमों का पालन किया और किसी भी पीसीए पारामिटर की अवहेलना नहीं की गई. बैंक ने रेगुलेटर संबंधी नियमों को हमेशा मानने का लिखित भरोसा दिया है. सेंट्रल बैंक ने अपने स्ट्रक्चरल और सिस्टमैटिक विकास का भरोसा दिया है. इन बदलाव वाले उपायों से उसे नियमन संबंधी परेशानी नहीं होगी.

 

पिछले साल बाहर निकले थे UCO, IDBI और IOB बैंक

रिजर्व बैंक ने इंडियन ओवरसीज बैंक, यूको बैंक और IDBI बैंक को भी पीसीए फ्रेमवर्क में डाला था जिन्हें पिछले साल ही इससे बाहर निकाल दिया गया था. जून तिमाही में सेंट्रल बैंक के नेट प्रॉफिट में 14 फीसदी का उछाल दर्ज किया गया और यह 235 करोड़ रहा. नेट इंट्रेस्ट इनकम में महज 1 फीसदी की तेजी दर्ज की गई. ऑपरेटिंग प्रॉफिट में गिरावट दर्ज की गई और यह 1221 करोड़ रहा. बैड लोन ग्रॉस एडवांस का 14.90 फीसदी रहा. जून 2021 तिमाही में यह 15.92 फीसदी रहा था. ग्रॉस एनपीए 29001 करोड़ रहा जो जून 2021 में 27891 करोड़ रहा था.