Digital Fraud रोकने के लिए RBI लाएगा डिजिटल पेमेंट इंटेलीजेंस प्लेटफॉर्म, जानें MPC Meeting में क्या बोले गवर्नर
RBI MPC Meeting: FY2024-25 की दूसरी मॉनेटरी पॉलिसी की बैठक के नतीजे आ गए हैं. इस बीच गवर्नर ने अपनी स्पीच में महंगाई से लेकर डिजिटल फ्रॉड तक तमाम मुद्दों पर चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा डिजिटल फ्रॉड रोकने के लिए सभी सिस्टम को साथ में काम करना होगा.
RBI MPC Meeting: FY2024-25 की दूसरी मॉनेटरी पॉलिसी की बैठक के नतीजे आ गए हैं. आज रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने तीन दिवसीय बैठक के परिणामों की घोषणा की. आरबीआई ने रेपो रेट में लगातार आठवीं बार कोई बदलाव नहीं किया गया है. रेपो रेट इस बार भी 6.5% पर बरकरार रखा गया है. इसके अलावा आरबीआई गवर्नर ने अपनी स्पीच में महंगाई से लेकर डिजिटल फ्रॉड तक तमाम मुद्दों पर चिंता जाहिर की.
डिजिटल फ्रॉड पर ये कहा
गवर्नर ने कहा कि ग्राहकों का हित RBI के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है. इस बीच उन्होंने डिजिटल फ्रॉड को लेकर भी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि डिजिटल फ्रॉड रोकने के लिए सभी सिस्टम को साथ में काम करना होगा. इसके लिए आरबीआई जल्द डिजिटल पेमेंट इंटेलीजेंस प्लेटफॉर्म लेकर आएगा. ये सिस्टम में रियल टाइम डेटा शेयरिंग के लिए होगा. कुछ रेकरिंग पेमेंट को ई-मैनडेट फ्रेमवर्क के तहत शामिल किया जाएगा. UPI-Lite को ई-मैनडेट फ्रेमवर्क के तहत लाया जाएगा.
FY25 में भारत का प्रदर्शन बेहतर रहने की उम्मीद
- FY25 में GDP ग्रोथ 7.2% रहने का अनुमान
- FY25 में GDP ग्रोथ 7% से बढ़कर 7.2% रहने का अनुमान
- Q2FY25 में GDP ग्रोथ अनुमान 6.9% से बढ़कर 7.2%
- Q3FY25 में GDP ग्रोथ अनुमान 7% से बढ़कर 7.3%
- Q4FY25 में GDP ग्रोथ अनुमान 7% से बढ़कर 7.2%
- FY25 CPI अनुमान 4.5% पर बरकरार
- Q1FY25 CPI अनुमान 4.9% पर बरकरार
- महंगाई में कमी लाने में MPC की अहम भूमिका
- खाद्य कीमतों में अनिश्चितता पर नजर बनाए रखनी होगी
- कोर महंगाई दर पर निगरानी रखने की जरूरत
गवर्नर की इन बातों पर भी डालें नजर
- घरेलू स्थिति, आउटलुक के आधार पर RBI का फैसला
- रिस्क प्रोविजनिंग से RBI की बैलेंस शीट में सुधार होगा
- FY25 में रुपए में कम उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा
- जरुरत के मुताबिक लिक्विडिटी पर फैसला लेंगे
- लिक्विडिटी के लिए VRR, रिवर्स रेपो का इस्तेमाल
- मार्च अंत तक बैंकों का ग्रॉस NPA 3% से कम
- रेगुलेटेड कंपनियों को कंप्लांयस बढ़ाना चाहिए
- हाल के महीनों में बैंकों ने NBFCs को कम लोन दिए
- क्रेडिट-डिपॉजिट ग्रोथ के बीच अंतर पर सोचने की जरूरत
- ग्राहकों का हित RBI के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता)
- छोटी रकम के लोन पर ब्याज दर काफी ज्यादा
- कुछ कंपनियां फी को Key फैक्ट स्टेटमेंट में नहीं दिखा रहीं
- FY25 में चालू खाता घाटा नियंत्रण में रह सकता है
- FY24 में FPIs फ्लो में बढ़ोतरी
- FY24 में $4160 Cr FPI इनफ्लो
- 31 मई तक फॉरेक्स रिजर्व $65150 Cr के रिकॉर्ड स्तर पर
- बैंकों में बल्क डिपॉजिट लिमिट की समीक्षा होगी