रिजर्व बैंक पर केंद्रीय मंत्री का आरोप, हमारे प्रोजेक्ट को लोन नहीं दे रहे बैंक
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बैंकों की आलोचना करते हुए कहा कि वे दो लाख करोड़ रुपये की अवसंरचना परियोजनाओं को वित्त पोषण नहीं कर रहे हैं, जबकि यह उनके लिए 'सुनहरा मौका' है.
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बैंकों की आलोचना करते हुए कहा कि वे दो लाख करोड़ रुपये की अवसंरचना परियोजनाओं को वित्त पोषण नहीं कर रहे हैं, जबकि यह उनके लिए 'सुनहरा मौका' है. साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि रिजर्व बैंक (RBI) इस रास्ते में अतिरिक्त जटिलता जोड़ रहा है. उन्होंने ईटी अवार्ड फॉर कॉरपोरेट एक्सीलेंस में कहा, 'हमारे पास कम से कम 150 परियोजनाएं हैं, जिनकी लागत दो लाख करोड़ रुपये है. लेकिन निवेशकों के लिए बैंकों से कर्ज लेना कठिन हो गया है.'
यह पूछे जाने पर कि क्या वह यह मामला आरबीआई गर्वनर उर्जित पटेल के समक्ष उठाएंगे? गडकरी ने कहा कि यह उनका काम नहीं है और बुरे अनुभव के लिए वह उनसे मिलना नहीं चाहते. उन्होंने कहा, 'मेरा अनुभव अच्छा नहीं रहा है. इसलिए उनसे मिलने का कोई मतलब नहीं है. किसी को किसी से तभी मिलना चाहिए, जब उससे कोई लाभ हो या कोई काम हो जाए.'
मंत्री ने फंडिंग की इस समस्या को आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक) के निदेशक मंडल की बैठक से एक दिन पहले उठाया है, जो कई मुद्दों पर केंद्र सरकार के साथ केंद्रीय बैंक की तनातनी के बीच हो रही है. इन मुद्दों में तरलता की कमी, कर्ज के विस्तार जैसे मुद्दे पर मतभेद प्रमुख हैं. मंत्री ने कहा, 'जहां तक विकास दर का सवाल है, रिजर्व बैंक के लिए देश में अवसंरचना को समर्थन देने का यह सही वक्त है. लेकिन कई बार आरबीआई के परिपत्र जटिलता को और बढ़ाते हैं.'
गडकरी ने कहा कि जब उन्होंने अपने मंत्रालय का पदभार संभाला था तो कुल 403 परियोजनाएं थीं, जिनकी कुल लागत 3.85 लाख करोड़ रुपये थी, जिनका ट्रैक रिकार्ड अच्छा रहा है. इससे अकेले उन्होंने भारतीय बैंकों का 3 लाख करोड़ रुपया बचाया है, नहीं तो वे फंस जाते और बैंक को उन्हें एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां) घोषित करना पड़ता.
एजेंसी इनपुट के साथ