RBI on I-CRR: केंद्रीय रिजर्व बैंक ने बैंकिंग सिस्टम में लिक्विडिटी को कम करने के लिए अगस्त की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी (RBI MPC Meet) में ICRR (incremental cash reserve ratio) पर जो फैसला लिया था, उससे चरणबद्ध तरीके से वापस लेने का फैसला लिया है. केंद्रीय रिजर्व बैंक I-CRR को पूरी तरह से वापस लेगा.

समीक्षा के बाद RBI ने लिया फैसला

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आरबीआई ने अपने फैसले की समीक्षा की और लिक्विडिटी की स्थिति को देखते हुए यह फैसला किया कि I-CRR को धीरे-धीरे करके वापस लिया जाए. आकलन के बाद यह सही होगा कि I-CRR के तहत जितना एडिशनल कैश रिजर्व लॉक था, उसे धीरे-धीरे रिलीज किया जाए, जिससे कि सिस्टम लिक्विडिटी को अचानक कोई झटका न लगे और मनी मार्केट में ऑपरेशन सही से चलता रहे.

RBI ने बैंकों को 19 मई-28 जुलाई 2023 के बीच NDTL (नेट डिमांड टाइम लायबिलिटी) में अतिरिक्‍त 10 फीसदी ICRR मेंटेन करने को कहा था. RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने अगस्त पॉलिसी का ऐलान करते हुए कहा था कि ज्यादा लिक्विडिटी प्राइस, फाइनेंशियल स्टेबिलिटी के लिए खतरा है. ऐसे में अतिरिक्‍त नकदी को सिस्‍टम से हटाने के लिए ICCR का नियम 12 अगस्त से लागू किया जाएगा.

बैंकिंग शेयरों में हलचल (Banking Stocks in Focus)

आरबीआई के फैसले के पहले ही बैंकिंग शेयरों में अच्छी खासी हलचल तेजी देखी जा रही थी. फैसला आने के बाद Bandhan Bank, Federal Bank, IndusInd Bank, Kotak Bank सहित कई बड़े बैंकिंग शेयरों में अच्छा उछाल दिखा. बंधन बैंक में 1.95%, फेडरल बैंक 1.83% , इंडसइंड बैंक में 0.63%, कोटक बैंक में 0.27% की तेजी नजर आ रही थी.

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