क्या कम होगी आपकी EMI? जानिए इस बार RBI कितनी घटा सकता है दरें?
जी बिजनेस ने इकोनॉमिस्ट और बैंकर्स के बीच एक पोल किया. पोल में ज्यादातर लोगों का मानना है कि इस बार आरबीआई 0.25 फीसदी की कटौती कर सकता है.
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की क्रेडिट पॉलिसी से सब को इस बार कटौती की उम्मीद है. पिछली पॉलिसी में हुई कटौती के बाद से इस बार कटौती के माहौल अनुकूल बना हुआ है. ऐसे में इस बार कटौती की पूरी संभावनाएं हैं. लेकिन, क्या ये संभावनाएं पूरी होंगी. क्या आपकी ईएमआई घटेगी. इसको लेकर जी बिजनेस ने इकोनॉमिस्ट और बैंकर्स के बीच एक पोल किया. पोल में ज्यादातर लोगों का मानना है कि इस बार आरबीआई 0.25 फीसदी की कटौती कर सकता है.
नई सरकार के आने के बाद फोकस पूरी तरह से ग्रोथ पर है. कटौती के पीछे कई वजह भी हैं. चौथी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ का आंकड़ा पिछले 5 साल के निचले स्तर पर है. महंगाई दर कन्फर्टेबल जोन में है. कच्चा तेल 6 महीने के निचले स्तर पर है. ऐसे में ज्यादातर जानकार मानते हैं कि पॉलिसी में कटौती की पूरी संभावना है.
क्या कहता है जी बिजनेस का पोल
जी बिजनेस के पोल के मुताबिक, 80 फीसदी जानकार मानते हैं 0.20 फीसदी की कटौती हो सकती है. वहीं, 20 फीसदी को उम्मीद है कि इसी पॉलिसी में आरबीआई 0.50 फीसदी की कटौती कर सकता है. हालांकि, किसी को भी यह उम्मीद नहीं है कि पॉलिसी में कोई बदलाव न हो.
FY20 में कितनी कटौती की उम्मीद?
इस वित्त वर्ष में पहले ही एक कटौती दी जा चुकी है. अगर इस पॉलिसी में भी रेट कट होता है तो यह लगातार तीसरी बार होगा जब पॉलिसी में कटौती की जाएगी. FY20 में अभी तक 0.25 फीसदी की कटौती हो चुकी है. 60 फीसदी जानकारों का मानना है कि इस वित्त वर्ष में 0.75 फीसदी कटौती देखने को मिल सकती है. वहीं, 20 फीसदी जानकर मानते हैं इस वित्त वर्ष में 0.50 फीसदी की कटौती हो सकती है. वहीं, 20 फीसदी जानकार मानते हैं कि इस अवधि में 1 फीसदी की कटौती भी संभव है.
ट्रेड वॉर का जीडीपी पर दिखेगा असर?
ट्रेड वॉर और कमजोर ग्लोबल संकेत के चलते क्या आरबीआई जीडीपी ग्रोथ के अनुमान में कटौती करेगा. इस पर 80 फीसदी जानकारों का मानना है कि जीडीपी अनुमान में कटौती की जा सकती है. वहीं, 20 फीसदी जानकार मानते हैं कि ग्रोथ अनुमान में कटौती नहीं होगी.
पॉलिसी में आरबीआई का रुख क्या होगा?
महंगाई को लेकर न्यूट्रल रुख देखने को मिल सकती है. वहीं, 40 फीसदी जानकारों का मानना है कि आरबीआई रुख नर्म रहेगा. वहीं, ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए आरबीआई क्या कदम उठाएगा. लिक्विडिटी को बनाए रखने के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे. CRR में क्या कोई कटौती होगी. ट्रेड वॉर की चिंता और कच्चे तेल की चाल को लेकर क्या बयान आता है. इसके अलावा एनपीए और स्ट्रेस्ड एसेट्स पर आरबीआई का फोकस रहेगा.