क्रेडिट कार्डहोल्डर्स की ओर से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को जो शिकायतें मिली हैं, उनमें क्रेडिट सूचना कंपनियां काफी ऊपर हैं. आरबीआई ने मंगलवार को कहा कि क्रेडिट सूचना कंपनियों (CICs) के खिलाफ ग्राहकों की शिकायतों में बढ़ोतरी हुई है. सेंट्रल बैंक की ओर से एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि केंद्रीय बैंक के पर्यवेक्षण मूल्यांकन में क्रेडिट सूचना कंपनियों के आचरण को लेकर ‘कुछ चिंताएं’ देखी गई हैं.

CCIs को दिए निर्देश

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आरबीआई के डिप्टी गवर्नर स्वामीनाथन जे और कर्ज संबंधी सूचनाएं देने वाली कंपनियों के प्रबंध निदेशकों एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के बीच हुई एक बैठक में उन विशिष्ट क्षेत्रों का भी जिक्र किया गया जहां सीआईसी को ध्यान देने की जरूरत है. बैठक के बाद जारी बयान के मुताबिक, ‘‘स्वामीनाथन ने हाल में क्रेडिट जानकारी से संबंधित ग्राहकों की शिकायतें बढ़ने और रिजर्व बैंक के निरीक्षणात्मक मूल्यांकन के दौरान कुछ चिंताएं सामने आने की बात कही.’’

स्वामीनाथन ने बैठक में कहा कि सीआईसी को ग्राहकों की शिकायतों का समय पर निपटान करने, आंतरिक लोकपाल ढांचे को मजबूत करने, डेटा सुधार अनुरोधों के सुव्यवस्थित प्रबंधन के अलावा साइबर सुरक्षा एवं डेटा गोपनीयता को सशक्त करने, डेटा गुणवत्ता में सुधार करने पर ध्यान देने की जरूरत है.

क्रेडिट सूचना कंपनियों को दिए थे निर्देश

RBI ने पिछले साल अक्टूबर में क्रेडिट ब्यूरो कंपनियों के लिए कुछ गाइडलाइन जारी की थी, जिसमें कहां गया था कि उन्हें ग्राहकों की ओर से फाइल की गई शिकायतों को 30 दिनों के भीतर हल करना होगा. ऐसा नहीं करने की स्थिति में उन्हें हर दिन 100 रुपये का फाइन देना होगा. इसके साथ ही आरबीआई ने CCIs को क्रेडिट इन्फॉर्मेशन ठीक करने या अपडेट करने के लिए एक कॉम्पनसेशन फ्रेमवर्क लाने के निर्देश दिए थे, और इसे अगले छह महीनों में लागू करने को कहा था.

इसके पहले पिछले साल जून में आरबीआई ने चार CCIs पर ग्राहकों की ओर से शिकायत मिलने पर 30 दिनों के भीतर क्रेडिट इन्फॉर्मेशन न अपडेट करने या फिर गलत, अधूरी जानकारी रखने को लेकर कुल 1.01 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था.