वित्तीय स्थिति खराब हुई तो बैंकों की तरह NBFCs भी पीसीए की कैटेगरी में डाले जाएंगे, कई बंदिशें होंगी लागू
NBFCs पर प्रॉम्ट करेक्टिव एक्शन फ्रेमवर्क 1 अक्टूबर 2022 से लागू होगा जिसका आधार 31 मार्च 2022 के बाद की NBFC की वित्तीय स्थिति होगी.
वित्तीय स्थिति खराब होने पर बैंकों पर लगने वाला प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन (PCA) की रोक अब नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियां यानी NBFC कंपनियों पर भी लागू होगी. NBFCs पर प्रॉम्ट करेक्टिव एक्शन फ्रेमवर्क 1 अक्टूबर 2022 से लागू होगा जिसका आधार 31 मार्च 2022 के बाद की NBFC की वित्तीय स्थिति होगी. रिजर्व बैंक ने NBFC में सुधार की कार्रवाई लागू करने के लिए तीन जोखिम की सीमाएं परिभाषित की है. डिपॉजिट लेने वाली एनबीएफसी पर ही नए नियम लागू होंगे और हर 3 साल में इसकी समीक्षा की जाएगी.
NBFCs के लिए PCA लागू करने का मकसद
खबर के मुताबिक, शिड्यूल कॉमर्शियल बैंक के लिए साल 2002 में प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन (Prompt corrective action) के नियम बनाए गए थे और समय-समय पर समीक्षा कर उनमें बदलाव किए गए हैं. NBFCs के लिए PCA लागू करने का के पीछे मकसद है कि कंपनी की फाइनेंशियल हेल्थ कि समय-समय पर जांच हो और जरूरत पड़ने पर रेगुलेटरी हस्तक्षेप किया जाए जिससे सही कदम उठाए जा सके. रिजर्व बैंक ने एनबीएफसी पर सुपरवाइजरी कदमों को और मजबूत करने के लिए PCA का ढांचा तैयार किया है. PCA फ्रेमवर्क के तहत NBFC कंपनी पर जोखिम की सीमाओं के तहत ब्रांच विस्तार करना, पूंजीगत खर्च पर प्रतिबंध लगाना, डिविडेंड डिस्टीब्यूशन पर रोक लगाना जैसी कई सारी बंदिशें लागू होंगी.
लेंडिंग बड़े पैमाने पर बाधित हो सकती है
CIEU के चेयरमैन NBFC रमन अग्रवाल के मुताबिक NBFCs के लिए जारी PCA फ्रेमवर्क की टाइमिंग से लेंडिंग बड़े पैमाने पर बाधित हो सकती है. क्योंकि 12 नवंबर के RBI सर्कुलर के बाद NBFC से जुड़े कर्ज में पूरा बकाया खत्म करने पर ही NPA का टैग हटेगा. इन दोनों सर्कुलर के जुड़ने के बाद कंपनियों के NPA में बढ़ोतरी होगी और ग्राहकों के लिए कर्ज मिलने में दिक्कत हो सकती है क्योंकि ढेर सारी कंपनियां ज्यादा रिस्क लेने की स्थिति में नहीं होगी.
रिस्क सीमा 1
कैपिटल एडिक्वेसी रेश्यो न्यूनतम जरुरत से 300 BPS कम
टियर-1 पूंजी रेश्यो न्यूनतम जरूरत से 200 BPS कम
नेट NPA रेश्यो 6-9% के बीच
रिस्क सीमा 2
कैपिटल एडिक्वेसी रेश्यो न्यूनतम जरुरत से 300-600 BPS कम
टियर-1 पूंजी रेश्यो न्यूनतम जरूरत से 200-400 BPS कम
नेट NPA रेश्यो 9-12% के बीच
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रिस्क सीमा 3
कैपिटल एडिक्वेसी रेश्यो जरूरत से 600 BPS कम
टियर-1 पूंजी रेश्यो न्यूनतम जरूरत से 400 BPS कम
नेट NPA रेश्यो 12% से ज्यादा
NBFCs के लिए भी PCA फ्रेमवर्क
- NBFCs पर प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन फ्रेमवर्क 1 अक्टूबर 2022 से लागू होगा
- 3 रिस्क की सीमाएं परिभाषित
- डिपॉजिट लेने वाली एनबीएफसी पर ही नए नियम लागू होंगे
- हर 3 साल में इसकी समीक्षा की जाएगी
- कंपनी की फाइनेंशियल हेल्थ जांच हो और जरुरत पड़ने पर हस्तक्षेप
सुपरवाइजरी कदमों को और मजबूत करने के लिए PCA का ढांचा तैयार
ब्रांच विस्तार करना, पूंजीगत खर्च पर प्रतिबंध लगाना जैसी बंदिशें शामिल होगी.