RBI New Governor: पद संभालते ही बोले आरबीआई के नए बॉस संजय मल्होत्रा- 'पहली गेंद खेलना ठीक नहीं', ये एक बड़ी जिम्मेदारी
RBI New Governor: उन्होंने कहा "आरबीआई की जिम्मेदारी केवल बैंकिंग सेक्टर तक सीमित नहीं है, बल्कि यह देश के आर्थिक विकास में भी अहम भूमिका निभाता है." आरबीआई गवर्नर के तौर पर पद संभालना सम्मान की बात है. और बतौर हेड ये एक बड़ी जिम्मेदारी भी है.
RBI New Governor: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा ने पद संभालने के तुरंत बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. इस दौरान उन्होंने अर्थव्यवस्था और मौद्रिक नीति से जुड़ी अपनी प्राथमिकताओं के संकेत दिए. हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि पहले दिन कोई बड़ा फैसला लेना सही नहीं होगा. गवर्नर ने कहा "पहले दिन, पहली गेंद को खेलना हमेशा सही नहीं होता." उन्होंने आगे बताया कि वह देश की आर्थिक स्थिति, विकास दर, और मुद्रास्फीति से संबंधित सभी पहलुओं पर गहराई से अध्ययन करेंगे. उनकी प्राथमिकता बैंकिंग सिस्टम को मजबूत बनाना और वित्तीय स्थिरता बनाए रखना होगा.
'आरबीआई को हेड करना बड़ी जिम्मेदारी'
उन्होंने कहा "आरबीआई की जिम्मेदारी केवल बैंकिंग सेक्टर तक सीमित नहीं है, बल्कि यह देश के आर्थिक विकास में भी अहम भूमिका निभाता है." आरबीआई गवर्नर के तौर पर पद संभालना सम्मान की बात है. और बतौर हेड ये एक बड़ी जिम्मेदारी भी है. संजय मल्होत्रा का कार्यकाल ऐसे समय में शुरू हो रहा है जब ग्लोबल इकोनॉमी मुश्किल दौर में है. और महंगाई एक बड़ी चुनौती है. आगे आने वाले दिनों में उनकी नीतियां यह तय करेंगी कि देश की आर्थिक स्थिरता और विकास की दिशा किस ओर जाएगी.
फरवरी में होगा रेट कट?
फरवरी में रेपो रेट कट होगा या नहीं ये कहना मुश्किल है. हालांकि, जापानी ब्रोकरेज नोमुरा के विश्लेषकों ने कहा कि मल्होत्रा एक नौकरशाह भी हैं, और माना जा रहा है कि उनकी अगुवाई में मौद्रिक नीति ज्यादा उदार होगी. ब्रोकरेज ने यह भी कहा कि फरवरी की बैठक में दरों में कटौती होने की पक्की संभावना है. नोमुरा ने कहा कि वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए अगली बैठक में दरों में कटौती उचित है.
3 साल होगा संजय मल्होत्रा का कार्यकाल
संजय मल्होत्रा ने 56 वर्ष की उम्र में RBI के नए और 26वें गवर्नर का पदभार ग्रहण किया है. उनका कार्यकाल 3 साल का होगा. केंद्र सरकार ने सोमवार शाम को उन्हें केंद्रीय बैंक का गवर्नर नियुक्त किया था. बुधवार को संजय मल्होत्रा ने शक्तिकान्त दास का स्थान ले लिया है.
नए RBI गवर्नर के लिए क्या हैं चुनौतियां?
भारतीय रिजर्व बैंक के नए गवर्नर के सामने कई अहम चुनौतियां हैं. सबसे बड़ी चुनौती महंगाई को काबू में करना है, जो आम लोगों और सरकार दोनों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है. साथ ही, देश की ग्रोथ को फिर से रफ्तार देना भी उनकी प्राथमिकता होगी. बैंकिंग सिस्टम में पर्याप्त लिक्विडिटी बनाए रखना और ब्याज दरों में कटौती को लेकर सही समय और सही कदम उठाना उनके कार्यकाल के महत्वपूर्ण पहलू होंगे.
कैसे रहेंगे नए RBI गवर्नर?
नए गवर्नर संजय मल्होत्रा की नियुक्ति शक्तिकांता दास के अनुभव से मेल खाती है, क्योंकि वे भी वित्त मंत्रालय से आए हैं. उम्मीद है कि मल्होत्रा मौजूदा नीतियों को आगे बढ़ाएंगे और बैंकिंग सेक्टर के साथ अर्थव्यवस्था की बारीक समझ का उपयोग करेंगे. वे महंगाई और ग्रोथ के बीच संतुलन बनाने की कोशिश करेंगे. इसके अलावा, गिरते हुए रुपये को संभालना और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना उनकी प्राथमिकता होगी. वित्त मंत्रालय से जुड़ाव होने के कारण ग्रोथ पर उनका खास फोकस रहेगा.