RBI MPC Policy: UPI Lite की बढ़ गई लिमिट, बैंकों और NBFCs के लिए आई नईं गाइडलाइंस
RBI MPC on UPI and Floating Rate: डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के मकसद से आरबीआई ने UPI Lite की लिमिट को बढ़ा दिया है. आज मॉनेटरी पॉलिसी की बैठक का फैसला सुनाते समय गवर्नर शक्तिकांत दास ने इसकी घोषणा की. साथ ही लोन को लेकर बैंकों और NBFCs के लिए नई गाइडलाइंस जारी की.
RBI MPC on UPI and Floating Rate: RBI MPC Meeting का फैसला आ गया है. बैठक में एक बार फिर से रेपो रेट में कोई बदलाव न करने का फैसला किया गया है. रेपो रेट 6.5% पर ही कायम रहेगा. वहीं डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के मकसद से आरबीआई ने UPI Lite की लिमिट को बढ़ा दिया है. आज मॉनेटरी पॉलिसी की बैठक का फैसला सुनाते समय गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने इसकी घोषणा की. इस बीच उन्होंने नॉन बिजनेस फ्लोटिंग रेट लोन को लेकर भी बैंकों और NBFCs के लिए नई गाइडलाइन जारी की.
जानिए गवर्नर ने क्या कहा
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने अपनी स्पीच के दौरान UPI Lite वॉलेट की लिमिट को बढ़ाए जाने की घोषणा की. लिमिट को बढ़ाकर 2000 रुपए से 5000 रुपए कर दिया गया है. इस बीच उन्होंने चुनिंदा ट्रांजैक्शन पर UPI लिमिट बढ़ाने का भी प्रस्ताव दिया. वहीं आरबीआई ने नॉन बिजनेस फ्लोटिंग रेट (Floating Rate) लोन को लेकर बैंकों और NBFCs को लेकर भी नई गाइडलाइंस जारी कीं. उन्होंने कहा कि बैंक और एनबीएफसी नॉन बिजनेस फ्लोटिंग रेट लोन पर फोरक्लोजर चार्ज और प्रीपेमेंट पेनल्टी नहीं ले सकते. इस बीच उन्होंंने ये भी बताया कि बैंक और NBFCs की फाइनेंशियल स्थिति मजबूत है. बैंक एनबीएफसी निजी स्तर पर एक्सपोजर का आकलन करें. हालांकि कुछ एनबीएफसी की ग्रोथ को लेकर चिंता है.
मॉनेटरी पॉलिसी की 10 बड़ी बातें
1. RBI ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया, 6.5% पर स्थिर
2. MPC के 6 में से 5 सदस्यों का दरें स्थिर रखने के पक्ष में वोट
3. MPC ने सर्वसम्मति से पॉलिसी रुख बदलकर 'न्यूट्रल' किया
4. दूसरी तिमाही में GDP और महंगाई के अनुमान घटाए
5. अनसिक्योर्ड लोन पर कड़ी नजर
6. NBFC में अनाप-शनाप ग्रोथ पर जताई चिंता और किया आगाह
7. नॉन बिजनेस फ्लोटिंग लोन प्रीपेमेंट पर पेनल्टी नहीं
8. FY25 GDP ग्रोथ अनुमान 7.2%, CPI अनुमान 4.5% पर कायम
9. Q3, Q4FY25 GDP अनुमान बढ़ाकर 7.4% किए
10. Q4FY25 CPI अनुमान 4.3% से घटाकर 4.2%