MPC member Jayanth R Verma: भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (RBI MPC) के तीन बाहरी सदस्यों में से दो नीतिगत दर रेपो बढ़ाने के पक्ष में नहीं थे. इनमें से एक ने कहा कि ऐसा करना 'न्यायसंगत नहीं है', क्योंकि मुद्रास्फीति घटने के अनुमान हैं और आर्थिक वृद्धि को लेकर चिंता बनी हुई है. न्यूज एजेंसी भाषा की खबर के मुताबिक, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को 6-8 फरवरी की एमपीसी बैठक का ब्योरा जारी किया. इसके मुताबिक बाहरी सदस्य जयंत आर वर्मा (RBI MPC member Jayanth R Verma)और आशिमा गोयल नीतिगत दर में आगे बढ़ोतरी के पक्ष में नहीं थे. 

FY 2022-23 के लिए कही ये बात

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

खबर के मुताबिक, तीसरे बाहरी सदस्य शशांक भिडे आरबीआई के तीन सदस्यों के साथ थे यानी उन्होंने लगातार छठी बार प्रमुख नीतिगत दर बढ़ाने के लिए मतदान किया.ब्योरे के मुताबिक वर्मा  (RBI MPC member Jayanth R Verma)ने कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी छमाही में मौद्रिक नीति मुद्रास्फीति को लेकर संतुष्ट थी, और हम 2022-23 में अस्वीकार्य रूप से तेज मुद्रास्फीति (Inflation) के रूप में इसकी कीमत चुका रहे हैं. उन्होंने कहा कि 2022-23 की दूसरी छमाही में मौद्रिक नीति वृद्धि के बारे में आत्मसंतुष्ट हो गई है और 'मैं आशा करता हूं कि हम 2023-24 में अस्वीकार्य रूप से कम वृद्धि के रूप में इसकी कीमत नहीं चुकाएंगे. 

जयंत आर वर्मा को इस बात पर ऐतराज

वर्मा (MPC member Jayanth R Verma) ने कहा कि मेरा मानना है कि एमपीसी के बहुमत से रेपो दर (Repo rate) में 0.25 प्रतिशत की बढ़ोतरी के दौरान मुद्रास्फीति (Inflation) के पूर्वानुमानों में हुई नरमी और बढ़ती वृद्धि चिंताओं के मौजूदा संदर्भ को ध्यान में नहीं रखा गया है. वर्मा भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद में प्राध्यापक हैं. छह सदस्यीय एमपीसी (RBI MPC) में आरबीआई के तीन अधिकारी - गवर्नर शक्तिकांत दास, डिप्टी गवर्नर माइकल देवव्रत पात्रा, और कार्यकारी निदेशक राजीव रंजन शामिल हैं केंद्र सरकार एमपीसी में तीन बाहरी सदस्यों की नियुक्ति करती है.

लगातार बढ़ी हैं दरें

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पिछले एक साल में कई बार रेपो रेट में लगातार बढ़ोतरी (Repo rate hike) ही की है. बैंकों से इसी वजह से कर्ज लेना भी काफी महंगा हो गया है. होम लोन, कार लोन या पर्सनल लोन की ईएमआई महंगी हो गई है. हालांकि इसका फायदा एफडी कराने वालों को जरूर मिला है. बैंकों और एनबीएफसी ने हाल के महीनों में सावधि जमा पर ब्याज दरों में अच्छी खासी बढ़ोतरी कर दी है. 

Zee Business Hindi Live TV यहां देखें