RBI MPC meeting: अगर आपने कोई लोन लिया है तो इसकी पूरी संभावना है कि आपकी ईएमआई यानी मासिक किस्त महंगी हो सकती है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की दो दिनों से चल रही मीटिंग के बाद आज तीसरे दिन आरबीआई गवर्नर रेपो रेट सहित अन्य दरों में बढ़ोतरी की घोषणा कर सकते हैं. जानकारों का मानना है कि आरबीआई 0.35 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी नीतिगत दर यानी रेपो रेट में कर सकता है. आरबीआई (RBI) ने मई में अचानक रेपो दर में 0.40 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी थी. फिर तीन बार प्रमुख नीतिगत दर रेपो में 0.50-0.50 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जा चुकी है. फिलहाल रेपो दर 5.9 प्रतिशत है.

लोन लेना पड़ेगा महंगा!

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बैंकों या दूसरी वित्तीय संस्थानों से होम लोन, पर्सनल लोन, ऑटो लोन सहित दूसरे लोन महंगे रेट पर मिल सकते हैं. आपको पहले से ज्यादा मासिक किस्त भरनी पड़ सकती है. खबर के मुताबिक, मुद्रास्फीति जनवरी से ही रिजर्व बैंक (rbi inflation) के छह प्रतिशत के संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है. बताया जा रहा है कि एमपीसी अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की राह पर चल सकती है जिसने इस महीने के आखिर में दरों में कुछ कम बढ़ोतरी करने के संकेत दिए हैं.

बेंचमार्क रेट है Repo Rate

रेपो रेट एक तरह का बेंचमार्क होता है, जिसके आधार पर बैंक या दूसरे वित्तीय संस्थान आम लोगों को दिए जाने वाले लोन के इंटरेस्‍ट रेट को तय करते हैं. आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (RBI MPC meeting) की तरफ से अगर रेपो रेट में बढ़ोतरी होती है तो इससे बैंक तमाम तरह के लोन पर पहले से ज्‍यादा ब्‍याज वसूलते हैं. अगर रेपो रेट (rbi repo rate 2022) में कटोती होती है तो बैंक लोन पर ब्याज दर में कटौती करते हैं. यही वजह है कि होम लोन,कार लोन और पर्सनल लोन पर पहले के मुकाबले ज्यादा  या कम ब्याज चुकाना होता है.

6.25 फीसदी पर जा सकता है Repo Rate

बीते सितंबर में SBI, UBS, Goldman Sachs, Barclays और Bank of Baroda के एक्सपर्ट्स ने कहा था कि आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी रेपो रेट को दिसंबर तक 6.25 फीसदी पर पहुंचा सकती है.वैश्विक झटकों को देखते हुए आरबीआई आक्रामक रुख अपना सकता है.

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