गुरुवार को RBI MPC के फैसलों का होगा ऐलान, क्या नए साल में EMI होगी कम?
8 फरवरी यानी गुरुवार को नए साल की पहली RBI MPC Meeting के फैसलों का ऐलान किया जाएगा. जानिए इस मॉनिटरी पॉलिसी में क्या कुछ खास हो सकता है.
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank Of India) की छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (MPC) की तीन दिवसीय बैठक जारी है. उम्मीद है कि रेपो रेट लगातार छठी बार 6.5 पर अपरिवर्तित रखने की संभावना है. यदि आरबीआई आगामी नीति में यथास्थिति बनाए रखता है, तो रेपो दर 6.5 फीसदी पर स्थिर रहने का पूरा एक वर्ष पूरा हो जाएगा. केंद्रीय बैंक ने आखिरी बार 8 फरवरी, 2023 को रेपो दर को 25 आधार अंक बढ़ाकर 6.5 फीसदी कर दिया था. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा अंतरिम बजट की घोषणा के बाद यह पहली बैठक है.
8 फरवरी को होगा MPC का ऐलान
6 फरवरी से शुरू हुई मौद्रिक नीति समिति की तीन दिनी बैठक 8 फरवरी तक चलेगी. जिसके बाद समिति के फैसलों की घोषणा गवर्नर शक्तिकांत दास आठ फरवरी को करेंगे. आरबीआई की मौद्रिक नीति की यह घोषणा अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा अपने मौद्रिक नीति निर्णय की घोषणा के कुछ दिनों बाद की जाएगी जिसमें उसने बेंचमार्क ब्याज दरों को 5.25 फीसदी पर अपरिवर्तित रखा है और सुझाव दिया है कि दरों को बदलने की कोई जल्दी नहीं है. बाजार को पहले अनुमान था कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक इस साल मार्च से ब्याज दरों में कटौती शुरू कर सकता है.
रेपो रेट को लेकर क्या है उम्मीद ?
आर्थिक मामलों के जानकारों का कहना है कि अंतरिम केंद्रीय बजट 2024 पेश होने के बाद आरबीआई की ओर से रेपो दर को यथास्थिति पर बरकरार रखने की उम्मीद है. रेपो रेट को लेकर जानकार मानते हैं कि आरबीआई इस बार भी शायद ही नीतिगत दरों में किसी तरह का कोई बदलाव करे, क्योंकि खुदरा महंगाई अब भी निर्धारित संतोषजनक दायरे के ऊपरी स्तर के करीब बनी हुई है.
1 साल से रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं
आरबीआई करीब एक साल से रेपो रेट 6.50 फीसदी पर स्थिर रखा हुआ है. आरबीआई ने रेपो रेट आखिरी बार पिछले साल फरवरी 2023 में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी कर 6.25 फीसदी से 6.50 फीसदी कर दिया था. वहीं, दिसंबर, 2023 में खुदरा महंगाई दर 5.69 फीसदी के स्तर पर थी. ऐसे में इस बार भी रेपो रेट में बदलाव की संभावना कम है. रियल एस्टेट के दिग्गजों ने भी यह उम्मीद जताई है कि डेवलपर्स और होम बॉयर्स को ध्यान में रखते हुए आरबीआई रेपो रेट को स्थिर रखेगा.
यह साल भी बेहतर रहने की उम्मीद
एसकेए ग्रुप के निदेशक संजय शर्मा ने कहा कि पिछले करीब एक साल से रिजर्व बैंक ने लगातार रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा है. यह अर्थव्यवस्था के प्रति आरबीआई के भरोसे का प्रतीक है. इस बार भी उम्मीद है कि आरबीआई रेपो दर को स्थिर रखेगा. इससे संभावित घर खरीदारों को सीधा लाभ होगा. साल 2023 रियल एस्टेट के लिए बेहतर रहा है. उम्मीद है कि आने वाला साल भी आरबीआई के निर्णय के चलते बेहतर होगा.
रेपो रेट के बरकरार रहने की उम्मीद
अंसल हाउसिंग के निदेशक कुशाग्र अंसल ने कहा कि पिछली पांच बार की घोषणाओं में आरबीआई ने रेपो दरों को यथावत रखा है, जो रियल एस्टेट कंपनियों और होम बॉयर्स के लिए सकारात्मक रुख का संकेत देता है. हम इस बैठक के बाद भी केंद्रीय बैंक की ओर से रेपो दर बरकरार रहने की उम्मीद कर रहे हैं. स्थिर ब्याज दर बॉयर्स को रियल एस्टेट की ओर आकर्षित करेंगी.
रियल एस्टेट के क्षेत्र में जारी रहेगी रफ्तार
काउंटी ग्रुप के डायरेक्टर अमित मोदी ने कहा, रियल एस्टेट सेक्टर एक बार फिर से रेपो दर में यथास्थिति बनाए रखने की उम्मीद कर रहा है. हम उम्मीद करते हैं कि भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति रेपो दर को अपरिवर्तित रखेगी. इससे रियल एस्टेट क्षेत्र को अपनी मौजूदा गति बनाए रखने में मदद मिलेगी. निश्चित रूप से डेवलपर्स, होम बॉयर्स और वित्तीय संस्थानों सहित सभी संबद्ध पक्षों को लाभ होगा.
रियल एस्टेट के लिए होगा अच्छा कदम
मिगसन ग्रुप के निदेशक यश मिगलानी ने कहा, रियल एस्टेट के लिहाज से वास्तव में यह अच्छा कदम होगा क्योंकि पहले से ही कच्चे माल की कीमतों में तेजी बनी हुई है. उन्हें पूरी उम्मीद है कि आरबीआई रेपो दर में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं करेगा. पिछले कुछ समय से स्थिर ब्याज दर की वजह से ही होम बॉयर्स रियल एस्टेट की ओर लगातार आकर्षित हो रहे हैं.
राहत की तलाश में हैं बायर्स
अंकुश कौल,चीफ बिज़नेस ऑफिसर,एम्बिएंस ग्रुप , के अनुसार "वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था बेहतर प्रदर्शन कर रही है और पिछला साल रियल एस्टेट सेक्टर के लिए भी बेहद अच्छा रहा. इसलिए, हमें खुशी होगी यदि आरबीआई 8 फरवरी की बैठक में रेपो रेट पर यथास्थिति बनाए रखने का फैसला करता है. बॉयर्स किसी न किसी रूप में राहत की तलाश में है. यदि आरबीआई रेपो रेट को यथावत रखता है तो यह मध्यम वर्ग को अपने आवास के सपनों को प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करने की दिशा में एक बेहद सकारात्मक कदम होगा. "
अर्थव्यवस्था को चाहिए सकारात्मक संकेत
ग्रुप 108 के मैनेजिंग डायरेक्टर संचित भूटानी का कहना है कि बीते करीब एक साल से रेपो रेट का न बढ़ना रियल एस्टेट और अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक संकेत है. अगर इस बार भी रेपो दर नहीं बढ़ती तो इसे आरबीआई का रियल एस्टेट सेक्टर के प्रति बदलता बेहतर दृष्टिकोण माना जा सकता है. उच्च ईएमआई और ब्याज दरों से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद, यह निर्णय घर खरीदारों और निवेशकों के विश्वास को मजबूत करेगा. उम्मीद है कि इस बार भी ब्याज दरें स्थिर रहेंगी और रियल एस्टेट क्षेत्र के विकास को गति मिलेगी. ब्याज दरें न बढ़ने से मध्यम आय समूहों का रियल एस्टेट निवेश में विश्वास भी बढ़ेगा.
आरबीआई का भरोसा बढ़ा
ट्राइसोल रेड के मैनेजिंग डायरेक्टर पवन शर्मा का कहना है कि पिछले एक साल से आरबीआई लगातार रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर बरकरार रखे हुए है. यह आर्थिक परिदृश्य को लेकर आरबीआई के भरोसे को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि मुद्रा स्फीति में नरमी को देखते हुए इस बार भी उम्मीद है कि आरबीआई रेपो दर को स्थिर रखेगा. इससे संभावित घर खरीदारों को लाभ होगा