RBI on UPI Payment: Reserve Bank of India ने UPI Payment की दिशा में एक और कदम आगे बढ़ाया है. RBI की Monetary Policy कमिटी की बैठक के नतीजों का ऐलान करते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने यूपीआई पेमेंट पर घोषणा की. उन्होंने कहा कि आरबीआई अब यूपीआई से ऑफलाइन पेमेंट को अनुमति दे रहा है, जिसमें नियर-फील्ड कम्यूनिकेश के जरिए ऑफलाइन पेमेंट हो सकेगा. इसके तहत UPI Lite से 500 रुपये तक पेमेंट किया जा सकेगा.

UPI Lite पर बढ़ी ट्रांजैक्शन लिमिट

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गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि डिजिटल पेमेंट में यूजरों को नई टेक्नोलॉजी का फायदा पहुंचाने के लिए केंद्रीय बैंक ये फैसला ले रहा है. छोटे वैल्यू के डिजिटल पेमेंट का ट्रांजैक्शन लिमिट बढ़ाने के लिए ‘UPI Lite’ पर ऑफलाइन माध्यम से एक बार में पेमेंट लिमिट को 200 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये करने का प्रस्ताव किया है. UPI पर छोटे मूल्य के लेनदेन की गति बढ़ाने के लिए सितंबर, 2022 में ‘यूपीआई लाइट’ को लाया गया था. इसको बढ़ावा देने के लिए ‘नियर फील्ड कम्युनिकेशन’ (एनएफसी) तकनीक का उपयोग करके ऑफलाइन लेनदेन की सुविधा प्रदान करने का प्रस्ताव है.

उन्होंने कहा कि छोटे मूल्य के डिजिटल भुगतान के लिए नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) और यूपीआई लाइट सहित ऑफलाइन मंच से एक बार में 200 रुपये भेजने की सीमा को बढ़ाकर 500 रुपये करने का प्रस्ताव है. हालांकि, अब भी कुल भुगतान सीमा 2,000 रुपये ही रहेगी. इसका मकसद भुगतान के इस तरीके की स्वीकार्यता बढ़ाना है. आरबीआई के इस प्रस्ताव से न केवल खुदरा क्षेत्र डिजिटल रूप से सक्षम होगा, बल्कि जहां इंटरनेट/दूरसंचार संपर्क कमजोर है या उपलब्ध नहीं है वहां कम राशि का लेनदेन इससे संभव हो पाएगा. 

UPI पर Conversation Payments

गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि यूपीआई पर कंज्यूमर AI के साथ कन्वर्सेशनल पेमेंट कर सकेंगे. यानी AI के साथ बातचीत के जरिए इसमें पेमेंट किया जा सकेगा. यानी आरबीआई UPI पर ‘कन्वर्सेशनल पेमेंट्स’ (संवादात्मक भुगतान) की सुविधा शुरू करने जा रहा है. आरबीआई की ओर से जारी बयान के अनुसार, इसके जरिये यूजर्स ट्रांजैक्शन के लिए AI based System के साथ कॉन्वर्सेशन कर पाएंगे, ये एकदम सेफ ट्रांजैक्शन होगा. 

यह विकल्प स्मार्टफोन और फीचर फोन आधारित यूपीआई मंच दोनों में जल्द उपलब्ध होगा. इससे देश में डिजिटल क्षेत्र का विस्तार होगा. हिंदी और अंग्रेजी के बाद इसे अन्य भारतीय भाषाओं में भी उपलब्ध कराया जाएगा. आरबीआई के अनुसार, इन सभी घोषणओं के संबंध में भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) को निर्देश जल्द जारी किए जाएंगे.