RBI Repo Rate पर क्या लेगा फैसला? ब्याज ऊपर जाएगा या नीचे? SBI चेयरमैन का ये है मानना
RBI Repo Rate: SBI के चेयरमैन दिनेश खारा ने कहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक आगामी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा (RBI Monetary Policy) में ब्याज दर के मोर्चे पर यथास्थिति कायम रखेगा.
RBI Repo Rate: भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन दिनेश खारा ने कहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक आगामी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा (RBI Monetary Policy) में ब्याज दर के मोर्चे पर यथास्थिति कायम रखेगा. खारा ने बुधवार को भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘बैंक के रूप में हम नीतिगत दर में कटौती की उम्मीद नहीं कर रहे हैं. केंद्रीय बैंक यथास्थिति को कायम रखेगा.’’
कब होगी RBI MPC की अगली बैठक?
रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की अगली बैठक आठ से 10 अगस्त 2023 को होनी है. गत आठ जून की मौद्रिक समीक्षा बैठक में रिजर्व बैंक ने रेपो में लगातार दूसरी बार कोई बदलाव नहीं किया था. हालांकि, इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने कहा था कि वह चाहता है कि मुद्रास्फीति और नीचे आए. बीते महीने थोक मुद्रास्फीति की दर में 4.12 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई. इसके साथ इंडेक्स 8 सालों के निचले स्तर पर पहुंच गया है.
महंगाई पर कैसे रहे हैं आंकड़े?
जून में खुदरा महंगाई दर बढ़ी है, वहीं थोक मुद्रास्फीति में गिरावट दर्ज हुई थी. इस महीने आए आंकड़ों के मुताबिक, रिटेल इंफ्लेशन जिसे उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) से मापा जाता है, वो मंथ ऑन मंथ बढ़कर 4.81% पर आ गई है. जून CPI 4.25% (मई में) से बढ़कर 4.81% पर पहुंच गया है. सब्जियों की कीमतों में बड़ा उछाल आया है. सब्जियों की महंगाई दर -8.18 पर्सेंट से बढ़कर 0.93% पर पहुंच गई है. खाद्य महंगाई दर 2.96% से बढ़कर 4.49% (MoM) पर पहुंची है.
इकोनॉमिक ग्रोथ पर RBI के आर्टिकल में आई है टिप्पणी
बीते दिन आरबीआई की ओर से जुलाई बुलेटिन में 'India @100' नाम के एक आर्टिकल में कहा गया कि देश को विकसित बनने के लिए 2047 तक 7.6 प्रतिशत की औसत वृद्धि दर जरूरी है. यानी कि अगर 7.6 प्रतिशत की औसत वार्षिक जीडीपी वृद्धि दर रही तो 2047 तक हम एक विकसित देश बन सकते हैं है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के में प्रकाशित एक लेख में यह बात कही गई है. फिलहाल, भारत की वृद्धि दर 2022-23 में 7.2 प्रतिशत थी. चालू वित्त वर्ष के दौरान इसके 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है. लेख में यह भी कहा गया कि भारत को अपने औद्योगिक क्षेत्र को मजबूत करने की जरूरत है, ताकि आर्थिक संरचना को संतुलित किया जा सके. इसके लिए सकल घरेलू उत्पाद में इसकी हिस्सेदारी 2047-48 तक बढ़ाकर 35 प्रतिशत करनी होगी, जो इस समय 25.6 प्रतिशत है.
(एजेंसी से इनपुट)
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें